Dhirendra Krishna Shastri Exclusive: बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. इसको लेकर पहले से ही राजनीति शुरू हो गई है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बिहार आने को लेकर बवाल चल रहा है. इस बीच उन्होंने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की और बताया कि देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि सनातन धर्म को राजनीति से जोड़ दिया जाता है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "बिहार से हमारा पुराना नाता है. पिछली बार आए थे तो भी विवाद खड़ा किया गया था. हमारा उद्देश्य है कि सनातन का प्रचार करना, हिन्दू एकता पर बात करना, ये राजनेताओं का विषय नहीं है. हम किसी पार्टी का प्रचार नहीं कर रहे हैं बल्कि भारत की संस्कृति को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं." धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वैशाली में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम था, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वह कई जगह जाते हैं, लेकिन उन्हें परमिशन नहीं दी जाती. ऐसी बातें उन्हें बहुत खिन्नता पहुंचाती हैं, क्योंकि वह किसी पार्टी के प्रचारक नहीं हैं. उन्होंने कभी किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, वह हिन्दू के प्रचारक हैं और बंटे हुए लोगों को एक करने के लिए घर से बाहर निकले हैं.
'हमारा एजेंडा किसी पार्टी का नहीं'- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
बिहार में एनडीए की सरकार होने के बाद इजाजत लेने के लिए इतनी मशक्कत क्यों करनी पड़ रही है? इस सवाल के जवाब में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "हमने शुरुआत से आज तक के हिन्दुत्व के लिए काम किया है. हमारा एजेंडा किसी पार्टी का नहीं है. हालांकि, किसी पार्टी का एजेंडा हमसे मिल सकता है. अगर किसी की विचारधारा हमसे मिल रही है, तो यह व्यक्तिगत भाव है."
हम इस देश के जगे हुए हिन्दू हैं, इस देश के सनातनी हैं. हमें इस देश का हिन्दू घटता हुआ और बंटता हुआ दिखाई पड़ रहा है. हम हिन्दुओं में एकता चाहते हैं, इसलिए लगातार आ रहे हैं. इसमें कोई नई बात नहीं है. हालांकि, इस पर विवाद हो रहा है जो कि ठीक नहीं है. यह विवाद दर्शाता है कि इनकी कितनी संकुचित मानसिकता है.
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