पटना: राजधानी से सटे नौबतपुर के तरेत पाली में पांच दिवसीय हनुमंत कथा कहने के बाद बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) जा चुके हैं लेकिन राजनीति है खत्म नहीं हो रही है. महागठबंधन के नेता धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को लेकर बयान दे चुके हैं कि ये बीजेपी के एजेंट हैं. हिंदू-मुस्लिम करते हैं. वहीं आरजेडी (RJD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने लिखित बयान जारी कर ऐसी बात कही है जिससे लग रहा है लोकसभा या विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी ने बीजेपी के सामने सरेंडर कर दिया है.


शिवानंद तिवारी ने क्या कहा?


शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लालू और नीतीश कुमार भले ही संविधान बचाओ का शोर मचाते रहें, लेकिन अपने एक वाक्य से धीरेंद्र शास्त्री ने पांच करोड़ लोगों को अपने खेमे में बहाल कर लिया है. बीजेपी बाबा को आगे रखकर बिहार को फतह करना चाहती है. बाबा बागेश्वर बिहार जैसे राज्य में अपना काम कर गए हैं.


बाबा बागेश्वर ने कहा था कि बिहार के 10-12 करोड़ में से अगर पांच करोड़ लोग ही अपने-अपने घर के बाहर धर्म का ध्वज फहराएं और माथे पर तिलक लगा लें तो हमारा रामराज का उद्देश्य पूरा हो जाएगा. हाथ उठाओ कौन कौन घर के बाहर धर्म का ध्वज फहराएगा और माथे पर तिलक लगाएगा? बाबा बागेश्वर के इतना कहते ही दरबार में लाखों हाथ उठ गए थे. बाबा बागेश्वर के मंच पर और उनकी कथा सुनने आए लाखों लोग देश को हिंदू राष्ट्र में परिवर्तित करना चाहते हैं. अगर संविधान को मिटाकर देश को हिंदू राष्ट्र के रूप में रूपांतरित कर दिया गया तो वंचित समाज के लोगों की स्थिति गुलामों से भी बदतर होगी.


बाबा ने आंख पर बंधी पट्टी खोली- बीजेपी


शिवानंद तिवारी के बयान पर बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद ठाकुर ने कहा कि बाबा बागेश्वर ने बिहार में पांच करोड़ सनातनी को जगाने का काम किया है. शिवानंद तिवारी की आंख की पट्टी भी खुल गई. वोट की राजनीति के लिए जो लोग आंख पर पट्टी बांध लिए थे उनकी पट्टी खोलने का काम बाबा बागेश्वर ने किया है. टीका लगाना, धार्मिक ध्वज फहराना संवैधानिक अधिकार है. हिंदू जगेगा तो संस्कार बढ़ेगा.


शिवानंद के बयान पर क्या बोली कांग्रेस?


बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि बाबा बागेश्वर जैसे बाबाओं के दरबार में भीड़ नहीं पहुंचती. हताश, निराश, दिशाहीन लोग इस तरह के बाबा के कार्यक्रम में जाते हैं. लंबे समय से लोग बिहार में हताशा, निराशा में जी रहे हैं. इसके लिए तमाम राजनीतिक दल जिम्मेदार हैं जिनकी सरकारें यहां रही हैं. शिवानंद तिवारी को यह बात नहीं पता है क्या? वहीं महागठबंधन में आरजेडी और जेडीयू शिवानंद तिवारी के बयान पर कुछ नहीं बोल रही.


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