बगहा: बिहार के बगहा में नाबालिग लड़की की जबरन शादी (Child Marriage) कराने का मामला सामने आया है. पुलिस ने नाबालिग लड़कियों की शादी कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया. साथ ही एक लड़की को बिकने से बचा लिया. पुलिस ने गिरोह के दलालों के साथ लड़की को शादी के लिए बेचने जा रही उसकी मौसी से भी पूछताछ की है. मामला बगहा के धनहा क्षेत्र का है. मंगलवार की घटना बताई जा रही. लड़की सरकारी स्कूल के पांचवी वर्ग में पढ़ती है. उसकी उम्र 13 साल है. उसकी  शादी का मामला उजागर हुआ है.


प्रिंसिपल के बना मसीहा
 
बरेली ले जाने के लिए कुछ व्यक्ति लड़की के घर पहुंचे, लेकिन लड़की तीन दिनों से घर नहीं जा रही थी. विद्यालय में परीक्षा चल रही थी. लड़की लगातार तीन दिनों से अनुपस्थित हो रही थी. जब प्रिंसिपल बिजेंदर कुमार पांडेय ने देखा कि लड़की तीन दिनों से स्कूल में एग्जाम देने नहीं आ रही तो उन्होंने अन्य बच्चों से उसके बारे में पूछा. बच्चों ने बताया कि उस लड़की की शादी तय हो गई है. इसके बाद विद्यालय के प्रिंसिपल के मन में यह बात उठी कि पांचवी वर्ग की लड़की की उम्र महज 13 साल होगी. इतने कम उम्र में बच्ची की शादी होने का माजरा उनको खटका. प्रिंसिपल ने ग्रामीणों के सहयोग से उस लड़की की खोज शुरू कर दी. लड़की तीन दिनों से गांव में इधर उधर छुप रही थी.


नाबालिग लड़की ने सुनाई आपबीती


खोजबीन के दौरान प्रिंसिपल को लड़की मिली. इसकी जानकारी प्रिंसिपल ने बगहा के एसडीएम को दी. उसके बाद एसडीएम के आदेश पर पुलिस हरकत में आई और पूछताछ शुरू की. दलाल और गिरोह के लोगों को पकड़ कर गिरोह का खुलासा किया. जब लड़की मिली तो उसने अपनी आपबीती सुनाई कि वो घर से क्यों भागती फिर रही. लड़की ने सभी गांव के लोग और प्रिंसिपल को बताया कि जब वो घर में थी तब उसने मौसी और नाना की बातें सुन लीं. मामा के यहां ले जाने के लिए मौसी घर पर उसे लेने आई थी. मामा के घर बुलाने का बहाना करने लगी. पीड़ित लड़की बोली कि जब मैंने मौसी और नाना को एक लाख रुपया और दलाल के द्वारा सौदे की बात सुनी. इसके बाद से ही इधर उधर छिपना शुरू किया. बोली कि मेरा भाई भी मेरी शादी के खिलाफ था, लेकिन उसकी घर में कोई सुन नहीं रहा था.


क्या कहता है बाल विवाह कानून?


बता दें कि कानून द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए 1929 में सबसे पहले इसकी पहल की गई थी. उसके बाद इसमें समय के अनुसार बदलाव किए गए हैं. 1949 ,1978 और 2006 में इस विवाह के कानून में संशोधन करते हुए न्यूनतम आयु बालिकाओं के लिए 18 वर्ष और बालक के लिए 21 वर्ष की उम्र निर्धारित की गई.


आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई


धनहा थाना अध्यक्ष ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद जो दो लोग नाबालिक को देखने आए थे उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे पूछताछ की जा रही. अनुमंडल पदाधिकारी से जब एबीपी न्यूज ने बात की तो बताया कि पब्लिक शिकायत के बाद हमने बीडीओ मुदुबनी को सारी बातें बताई. आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही. 


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