सुपौल: सूबे के मुखिया सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए 'मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना' की शुरुआत की है. हालांकि, कई जिलों में सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में कर्मियों की ओर से पलीता लगाने का काम किया जा रहा है. ताजा मामला प्रदेश के सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड का है, जहां योजना संबंधित कामों में लापरवाही बरतने वाले 10 विकास मित्रों के वेतन पर त्रिवेणीगंज एसडीएम एसजेड हसन ने रोक लगा दी है. साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी आशा कुमारी से भी जवाब तलब किया गया है.
टारगेट पूरा नहीं होने पर की कार्रवाई
बता दें कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के 9वें चरण में त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र में लाभुकों की संख्या काफी कम है. अधिक से अधिक लाभुक इस योजना के तहत वाहन खरीदने के लिए आवेदन कैसे करें, इसको लेकर एसडीएम एसजेड हसन ने प्रखंड विकास पदाधिकारी त्रिवेणीगंज के माध्यम से विकास मित्रों को जवाबदेही सौंपी है. इसके बाबजूद भी पिछले एक सप्ताह में परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं होने की स्थिति में एसडीएम द्वारा कड़ा कदम उठाया गया.
बार-बार समझाने के बाद भी सुधार नहीं
एसडीएम एसजेड हसन ने शनिवार को प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित टीसीपी भवन में संबंधित प्रखंड क्षेत्र के सभी विकास मित्रों और संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर सभी की परफॉर्मेंस रिपोर्ट देखी, जिसके बाद ये कार्रवाई की. इस संबंध में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के तहत जो 9वां चरण चल रहा है, उसमें त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र में 60 के आसपास लाभुकों को जोड़ने का लक्ष्य है, लेकिन यहां शुक्रवार तक मात्र 14 लाभुकों ने ही आवेदन किया है.
अधिकारी की मानें तो लगातार चौथी बार बैठक करने और सख्त निर्देश देने के बाद भी कर्मियों का परफॉर्मेंस नगण्य है. ऐसे में प्रखंड क्षेत्र के आठ विकास मित्र, जिनका जीरो परफॉर्मेंस है, उनके वेतन पर रोक लगाई गई है. वहीं, 2 ऐसे विकास मित्र जो अनुपस्थित हैं, उनके वेतन पर भी रोक लगाई गई है. साथ ही बीडीओ त्रिवेणीगंज आशा कुमारी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. 31 मार्च तक लक्ष्य पूरा नहीं होने पर विकास मित्रों को सेवामुक्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इसके कंट्रोलिंग पदाधिकारी पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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