बांका: बिहार में रोहतास के बाद अब एक और जिले से पुल चोरी की खबर आई है. यहां से पूरा पुल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे लगभग 70 फीसद पुल के पार्ट्स को काटकर चोर ले जा चुके हैं. पुल के पार्ट्स की चोरी की घटना बांका के चांदन प्रखंड के झाझा गांव और पटनिया धर्मशाला के बीच कांवरिया पथ की है. खास बात ये है कि पुल के पार्ट्स की चोरी हो रही है और इसके बारे में किसी को खबर तक नहीं है.
1995 में आई भीषण बाढ़ के दौरान बने तालाब नुमा बड़े गड्ढे के कारण विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कांवरिया को झाझा गांव से पटनिया धर्मशाला तक जाने के लिए काफी समस्याओं से जूझना पड़ता था. अत्यधिक पानी होने के कारण कई बार घटना हुई थी. उसी वक्त से यहां एक पुल के निर्माण की मांग हो रही थी. कांवरिया की सुविधा को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी राशिद अहमद खान के प्रयास से 2004 में बेली ब्रिज के तौर पर इस पुलिया का निर्माण किया गया था.
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लगभग 46 लाख की लागत से बना था पुल
लोहे से निर्मित इस बेली ब्रिज की लागत लगभग 46 लाख बताई जाती है. इसकी लंबाई लगभग 80 फीट और चौड़ाई 15 फीट है. इस लोहे के पुल से कांवरिया वर्ष 2004 से 2012 के आसपास तक इस पुल के रास्ते से आसानी से बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहे थे, लेकिन समय बीतने के साथ वर्ष 2012 में बिहार सरकार द्वारा नए कांवरिया पथ बनाए जाने के बाद इस पुल से कांवरियों ने जाना बंद कर दिया था, जिससे पुल की अनदेखी होने लगी.
इस अनदेखी का फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्व के लोगों ने इस लोहे के पुल के छोटे-छोटे हिस्से की कटाई कर लोहा चोरी करने लगे और अब तक इस पुल का बड़ा हिस्सा चोरों के हाथ लग गया है. इस संबंध में चांदन थानाध्यक्ष नसीम खां ने बताया कि कांवरिया पथ पर ऐसे पूल की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और ना ही किसी ने आज तक इस पुल के लोहे की चोरी होने की कोई सूचना दी है. वैसे अब उस पर नजर रखी जाएगी.