बांका: इन दिनों बांका और भागलपुर के शिक्षकों का आवेदन चर्चा का विषय बना हुआ है. अवकाश के लिए शिक्षकों का अजीबोगरीब आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. शिक्षक अपने परिजनों के मृत्यु और खुद बीमार होने की आशंका जताते हुए आकस्मिक अवकाश मांगते नजर आ रहे हैं. अवकाश के लिए ऐसे पूर्वानुमान को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की बातें हो रही हैं. 


अवकाश के लिए अजीबोगरीब कारण


कटोरिया प्रखंड के एक शिक्षक ने आवेदन दिया है कि शादी में खाना खाकर उनका पेट खराब हो जाएगा. इस कारण उन्हें दो दिनों की अवकाश दी जाए. इसी तरह धोरैया प्रखंड के पीपरा स्कूल के अजय कुमार ने लिखा है कि उनकी मां बीमार हैं. पांच दिसंबर की रात आठ बजे उनका निधन हो जाएगा, इसलिए छह और सात दिसंबर के लिए आकस्मिक अवकाश चाहिए. शिक्षकों के ऐसे अजीबोगरीब आवेदन पर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं.



आवेदन सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल


इस क्रम में बांका के बाराहाट प्रखंड अंतर्गत खड़ियारा उर्दू विद्यालय के शिक्षक राज गौरव ने प्रधानाध्यापक को दिए आवेदन में लिखा है कि चार और पांच दिसंबर को वे बीमार रहेंगे. इसके लिए आकस्मिक अवकाश दें. कटोरिया में मध्य विद्यालय जमदाहा के शिक्षक नीरज कुमार ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को लिखा है कि वे सात दिसंबर को शादी में भाग लेने जा रहे हैं, इसमें अधिक भोजन करने के बाद पेट खराब होने की आशंका है. इसे ठीक होने में दो दिन का वक्त लगेगा. शिक्षकों के इस तरह का आवेदन और प्रशासनिक आदेश सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है.


भागलपुर और बांका के अधिकारियों ने दिए हैं ऐसा आदेश


शिक्षकों के ऐसे आवेदन भागलपुर के आयुक्त दयानिधान पांडेय के उस आदेश के विरोध में आ रहे हैं, जिसमें आकस्मिक अवकाश (सीएल) के लिए भागलपुर आयुक्त दया निधान पांडेय ने 29 नवंबर को समीक्षा बैठक में तीन दिन पहले स्वीकृति लेना अनिवार्य कर दिया है. बता दें कि 29 नवंबर की समीक्षा बैठक में ही शिक्षा विभाग की बैठक में आयुक्त ने यह आदेश जारी किया था. इसके आलोक में 30 नवंबर (बुधवार)को बांका के डीईओ पवन कुमार ने भी ऐसा पत्र जारी कर दिया है.


अधिकारियों को सीएल शब्द मतलब तक पता नहीं


माध्यमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार दीपक का कहना है कि अधिकारियों को आकस्मिक अवकाश शब्द तक की परिभाषा पता नहीं है. पत्र निकालने वाले ऐसे अधिकारियों की बुद्धि पर तरस आता है. पहले अधिकारी नियम पढ़ लें और आदेश को वापस लें, अन्यथा शिक्षक विरोध में सड़क पर उतरने को मजबूर हों जायेंगे.


शिक्षक संघ ने की फैसले की निंदा 


प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव घनश्याम प्रसाद यादव ने कहा कि प्रमंडल और जिलास्तर के अधिकारियों का काम सरकार के नियमावली का अनुपालन कराना है. पत्र निकालने वाले अधिकारी को नियमावली बनाने का अधिकार किसने दिया है? संगठन इस आदेश की कड़ी निंदा करती है. वहीं, उन्होंने सीएल के मामले को पटना ले जाने की बात कही.


कुछ लोग बेवजह तूल दे रहे हैं- शिक्षा अधिकारी 


वहीं, बांका के जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार का कहना है कि आयुक्त के आदेश पर सीएल के संबंध में पत्र जारी किया गया है. इस पत्र का मतलब शिक्षकों को परेशान करना नहीं है, वे लोग चाहते हैं कि शिक्षकों की अवकाश के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो. निरीक्षण के दौरान कई विद्यालयों में एक साथ अधिकतर शिक्षक अवकाश पर मिले थे और पढ़ाई बाधित मिली थी. इस को देखते हुए 'सीएल' को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है. आवश्यकता पड़ने पर किसी को अवकाश पर जाने से नहीं रोका जाएगा. कुछ लोग इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं.


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