बिहारः 4 दिन तक थाने में रखकर पुलिस ने युवक को पीटा, अस्पताल में मौत के बाद बांका में बवाल
सात जुलाई को कहलगांव थाना की पुलिस ने रजौन थाने की पुलिस के सहयोग से किया था गिरफ्तार.11 जुलाई को कहलगांव थाने की पुलिस ने युवक को अधमरे हालत में छोड़ा, मंगलवार की रात मौत.
बांका: पुलिस की ओर से पिटाई के बाद मायागंज अस्पताल में भर्ती एक युवक की मंगलवार की रात मौत हो गई. इस घटना के बाद गुस्साए परिजन और स्थानीय लोगों ने अगले दिन बुधवार को भागलपुर-दुमका सड़क को जाम कर जमकर बवाल काटा. इस दौरान रजौन बस स्टैंड थाना चौक के पास बांस-बल्ले से लोगों ने सड़क को घेर दिया और टायर जलाकर आगजनी की.
जानकारी के अनुसार, रजौन थाना के चकसफिया के रहने वाले मनोज कुमार दास के 26 वर्षीय पुत्र विनोद कुमार दास को कहलागांव थाने की पुलिस ने रजौन थाने की पुलिस के सहयोग से सात जुलाई को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने में कहलगांव थाना प्रभारी श्रीकांत भारती, जमादार पुरुषोत्तम झा और रजौन थाना की पुलिस शामिल थी. युवक को गिरफ्तार करने के बाद उसकी पिटाई करते हुए उसे उसके ससुराल अमरपुर थाना के तारडीह गांव लेकर पुलिस गई.
वहां से कहलगांव थाना की पुलिस हिरासत में लेकर उसे चली गई थी. कहलगांव थाने की पुलिस ने बर्बर तरीके से सात जुलाई से लेकर 11 जुलाई तक पिटाई की. इसके बाद विनोद को 11 जुलाई की शाम पांच बजे छोड़ा गया. इसके पहले युवक के पिता ने कहा कि वह कई बार अपने बेटे से मिलना चाहा लेकिन उसे नहीं मिलने दिया गया. गाली-गलौज देकर पुलिस भगा देती थी. जब पुलिस को लगा कि अब युवक मर जाएगा तो उसे 11 जुलाई को छोड़ दिया.
युवक के पिता ने कहा कि पिटाई की वजह से विनोद चल तक नहीं पा रहा था. विनोद ने अपने परिजनों को बताया कि हाथ-पैर बांधकर उसकी काफी पिटाई की गई है. इलाज के लिए उसे भर्ती कराया गया. इसके बाद मंगलवार की रात युवक ने मायागंज अस्पताल में दम तोड़ दिया.
रजौन और कहलगांव थाना की पुलिस पर मामला दर्ज
मायागंज अस्पताल में युवक के मृत घोषित किए जाने के बाद परिजन शव को लेकर रजौन थाना पहुंच गए. थाना परिसर में शव को रखकर पुलिस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद भी रजौन थानाध्यक्ष द्वारा कोई कार्रवाई नहीं देख लोग आक्रोशित हो गए. मामला बढ़ता देख मृतक के पिता मनोज कुमार दास के बयान पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. दर्ज मामले में विनोद के पिता ने रजौन और कहलगांव थाना की पुलिस को आरोपित किया है.
इस मामले में एसडीओ मनोज कुमार चौधरी और एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया मामला दर्ज कर लिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद दोषी पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. मृतक के परिजनों को अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण अत्याचार अधिनियम के तहत 8.25 लाख रुपये दिलाने की प्रक्रिया प्राथमिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद की जाएगी.
डकैती के मामले में युवक को पुलिस ने पकड़ा था
बताया जाता है कि कहलगांव में 24 जून की रात प्रोफेसर रत्नेश्वर प्रसाद सिंह के घर में भीषण डकैती हुई थी. डकैतों ने जेवरात नकद सहित करीब 30 लाख की संपत्ति लेकर भाग गए थे. इसी क्रम में कहलगांव थाना की पुलिस ने दो व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार व्यक्तियों द्वारा विनोद कुमार का नाम भी बताया गया था. इसी को लेकर कहलगांव थानाध्यक्ष श्रीकांत भारती रजौन थाना की पुलिस की मदद से विनोद को पकड़ा गया था.
इनपुट : (कुमुद रंजन राव)
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