बांका: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से 14 फरवरी मंगलवार से आयोजित मैट्रिक परीक्षा के बीच बांका से एक खबर प्रकाश में आई है जिसको लेकर हर छात्रा और महिलाओं को गर्व होगा. यहां मैट्रिक की एक छात्रा ने बच्चे को जन्म देने के कुछ ही देर के बाद परीक्षा में शामिल होकर अपना एक साल बर्बाद होने से बचा लिया है. जिले के चांदन प्रखंड मुख्यालय के एमएमकेजी उच्च विद्यालय में मैट्रिक की परीक्षा दे रही रुक्मिणी कुमारी (22 वर्ष) गर्भवती अवस्था में ही परीक्षा दे रही थी. 


बच्चे के जन्म के कुछ देर बाद जाकर दी परीक्षा


रुक्मिणी कटोरिया प्रखंड किसी विद्यालय से नियमित छात्रा के रूप में पढ़ाई कर रही थी जबकि उसकी शादी सिलजोरी पंचायत के पैलवा गांव में हुई थी. वहीं रह कर पहले दिन मंगलवार को गणित की परीक्षा अच्छी तरह से देकर आने के बाद वह रात में अगले दिन की परीक्षा की तैयारी कर ही रही थी. अचानक देर रात उसे प्रसव शुरू हुआ तो परिवार वालों ने अस्पताल पहुंचाया. वहां बुधवार सुबह छह बजे उसने एक बेटे को जन्म दिया. 


एंबुलेंस से पहुंची सेंटर


बुधवार की सुबह प्रथम पाली में उसका दूसरा पेपर विज्ञान था, इसलिए वह अपने चिकित्सक डॉ. भोलानाथ से परीक्षा देने के लिए इजाजत मांगने लगी. हालांकि चिकित्सक और परिजनों ने मना करते हुए काफी समझाया, लेकिन रुक्मिणी ने किसी की एक न मानी, फिर दो घंटे पहले मां बनी रुक्मिणी को चिकित्सक की सलाह पर एंबुलेंस से परीक्षा केंद्र पहुंचाया गया. वहां चिकित्सकों की देखरेख में उसने विज्ञान की परीक्षा दी. इस संबंध में डॉ. भोलानाथ ने बताया कि काफी समझाने के बाद भी रुक्मिणी परीक्षा देने की जिद पर अड़ी रही. उसके परीक्षा के प्रति उत्साह को देख कर एएनएम इंदू कुमारी, शिखा चौधरी, मालती कुमारी एवं रुपम कुमारी ने कड़ी मशक्कत के बाद ससमय प्रसव कराया. साथ ही बेटे के जन्म होने की दोहरी खुशी प्राप्त कर रुक्मिणी परीक्षा दे कर वह काफी खुश दिख रही है.


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