राजगीर सफारी पार्क में लाया गया बार्किंग डियर, बड़े जानवर भी आएंगे जल्द
प्रथम फेज में पटना चिड़ियाघर से बार्किंग डियर यानी काकड़ प्रजाति का हिरण लाया गया है. इसके बाद बड़े जानवर बाघ, चीता, भालू सहित अन्य जानवर लाए जाएंगे.
राजगीर: देश-विदेश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक बिहार के राजगीर में बन रहे जू सफारी पार्क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस बीच, अब जानवर लाने की भी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. जू सफारी पार्क के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि जू सफारी पार्क का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. शेष बचे निर्माण कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं और इसी बीच प्रथम फेज में जानवर लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
उन्होंने कहा कि प्रथम फेज में पटना चिड़ियाघर से बार्किंग डियर यानी काकड़ प्रजाति का हिरण लाया गया है. यहां भी कुछ प्रजातियों के हिरण पहले से मौजूद हैं. उसको भी सफारी पार्क में रखा गया है. उन्होंने कहा कि बड़े जानवर को लाने के लिए भी भारत सरकार के केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मांगा गया है. उसके बाद बड़े जानवर बाघ, चीता, भालू सहित अन्य जानवर लाए जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यहां आकर निर्माण कार्य को देखा था और कई आवश्यक निर्देश दिए थे. जू सफारी पार्क के निर्माण में 177 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसमें वन्य जन्तुओं को सामान्य चिड़ियाघर की तुलना मे खुले वनों का घेरान कर काफी बड़े-बड़े बाड़ों में रख कर उन्हें स्वच्छंद विचरण की सुविधा दी जाएगी. जिसे पर्यटक प्रत्यक्ष देख सकेंगे.
रात्रि सफारी के रुप में भी विकसित करने की योजना
पर्यटक बंद मजबूत संरक्षित वाहन के माध्यम से बाड़ों के अंदर जाकर वन्यजन्तुओं को प्राकृतिक पारिस्थितिकी प्रणाली में निहित गतिविधियों को ज्यादा करीब से आनंद उठा सकेंगे. यहां विश्व की विभिन्न प्रजातियों के पंक्षियों व तितलियों को उनके अपने प्राकृतिक अधिवास में रखा जाएगा. सफारी में राजगीर की पांच पहाड़ियों के बीच वनों, वनस्पतियों व वन्यजन्तुओं की विविधता का संगम होगा. यहां रहने वाले जानवरों के इलाज की भी सुविधा होगी. सड़क का भी निर्माण कार्य बिल्कुल प्राकृतिक रूप से किया गया है.
राजगीर वन्य प्राणी स्वर्ण गिरी पर्वत और व्यवहार गिरी पर्वत के बीच की घाटी वाले हिस्से में 191.12 हेक्टेयर क्षेत्रफल मे विकसित किया गया है. इसमें 72 हेक्टेयर क्षेत्रफल का पुराना मृग विहार भी समाहित है. इसमें निम्न वन्यजन्तुओं के लिए घेरे वाले पांच जोन में होंगे जिसमें बाघ, शेर, तेन्दुआ, भालू, हिरण, रहेंगे. इस सफारी पार्क का डिजाइन छत्तीसगढ़ के कंपनी एल.एऩ सी द्वारा किया गया है. इस वन्य प्राणी सफारी के निर्माण मे इसे रात्रि सफारी के रुप में भी विकसित करने की योजना बनाई जा रही है.
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