गया: गया जिले में वर्षों से विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आयोजित होता आ रहा है. लेकिन इस बार कोविड-19 की रोकथाम और बचाव के मद्देनजर राज्य सरकार और जिला प्रसाशन की ओर से 15 दिवसीय पितृपक्ष मेला को रद्द किया गया है, जिस कारण गया धाम और बोधगया में सन्नाटा पसरा है.


बंद पड़ीं हैं दुकानें


गया के विभिन्न पिंडवेदियों और बोधगया के महाबोधि मंदिर और धर्मारण्य में पिंडदानी पिंडदान किया करते थे, लेकिन इस साल यह सभी जगह वीरान पड़ें हैं. मेला क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानों में मंदी छाई हुई है, वहीं होटल भी बन्द पड़े."


होटल के सभी कमरे रहते थे बुक


होटल व्यवसाय से जुड़े सुदामा कुमार ने बताया कि पिछले साल इस वक्त होटल में तीर्थयात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका था, होटलों में बुकिंग की जा रही थी. लेकिन इस बार कोरोना के कारण बोधगया सहित गया के सभी होटल बंद हैं. इस 15 दिनों के पितृपक्ष मेला की अवधि में होटल के सारे कमरे बुक रहा करते थे. चूंकि कई तीर्थयात्री ऐसे भी आते थे, जो लगातार 15 दिनों तक यहां रहकर पिंडदान किया करते थे और इस दौरान वो होटल में ही ठहरते थे. लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, कोरोना की वजह से पूरे व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है.


कोरोना के कारण मंदिर है बंद


वहीं, महाबोधि मंदिर के मुख्य बौद्ध भिक्षु चालिन्दा ने बताया कि कोरोना के कारण पर्यटक सीजन भी प्रभावित हुआ और अब पितृपक्ष मेला के रद्द किए जाने के बाद तीर्थयात्रियों का भी आना बंद हो गया है. कई लोग महाबोधि मंदिर में आकर पिंडदान किया करते थे. लेकिन कोरोना के कारण मंदिर भी बंद है.