Begusarai News: बेगूसराय जिले में एक सनसनीखेज मामला उस वक्त हुआ जब पूरे शहर में यह अफवाह उड़ने लगी कि मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह के पुत्र का अपहरण हो गया. जैसे ही अपहरण का मामला सामने आया, परिजनों सहित उनके समर्थकों में मायूसी छा गई. करीब पांच से छह घंटे तक यह अपहरण का हाई वोल्टेज ड्रामा उस वक्त साइबर ठगी के रूप में बदल गया जब पीड़ित युवक से पुलिस ने शुक्रवार को पूछताछ शुरू की.
शुक्रवार को करीब शाम पांच बजे मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू के पूर्व विधायक के सिंघोल थाना क्षेत्र के केशावे स्थित घर पर यह सूचना मिली कि बोगो सिंह के बड़े पुत्र सुमंत सौरभ का अपहरण कर लिया गया है. अपहरण की सूचना मिलते ही परिजनों और समर्थकों में खलबली मच गई. बता दें कि सुमंत सौरभ एक निजी स्कूल के संचालक हैं.
पीड़ित के परिजन ने दी जानकारी
पीड़ित सुमंत सौरभ के चाचा और पूर्व विधायक बोगो सिंह के भाई गोपाल सिंह ने बताया कि सुमंत प्रतिदिन सुबह करीब 8 बजे घर से निकलता है और 1 बजे खाना खाने के लिए घर आता है, फिर करीब 2 बजे स्कूल चला जाता है उसके बाद रात में 8 बजे वो घर आता है, लेकिन शुक्रवार को खाना खाने वो दोपहर में नहीं आया. घर में लगा कि किसी काम में फंस गया होगा इसलिए नहीं आया. शाम पांच बजे के बाद घर पर सुमंत ने फोन पर रोते हुए सूचना दी कि किसी ने उसे एक कमरे में नजरबंद कर रखा है, जिसके बाद घर में रोना शुरू हो गया. सभी को इसकी सूचना मिली. हमने स्थानीय थाना सहित अन्य जगह सूचना दी. अपने कुछ लोगों को खोजबीन के लिए भेजा. करीब पांच से छह घंटे के अथक प्रयास से उसे पुलिस ने एक होटल के कमरे से बरामद कर लिया.
पुलिस अलर्ट
अपहरण के हाई वोल्टेज ड्रामा को बेगूसराय की पुलिस ने करीब पांच से छह घंटे के अथक प्रयास से विफल कर दिया और यह मामला साइबर ठगी से जुड़ गया. अपहरण की सूचना मिलते ही बेगूसराय के एसपी मनीष कुमार सहित जिले के तमाम पुलिस अधिकारी सक्रिय हो गए. लगातार अपहृत युवक को ढूंढने की कोशिश की जाने लगी.
एसडीपीओ ने पूरे मामले का किया खुलासा
सदर एसडीपीओ (2) भाष्कर रंजन ने बताया कि शाम में करीब पांच बजे पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह उर्फ बोगो सिंह के पुत्र का अपहरण की सूचना मिली, जिसके बाद पूरे जिले को हाई अलर्ट किया गया और जांच शुरू की गई. टावर लोकेशन हर हर महादेव चौक के आसपास से आ रहा था, जिसके बाद एक निजी होटल का लोकेशन आया. होटल के कमरे से सुमंत सौरभ को सही सलामत बरामद कर लिया गया. एसडीपीओ ने बताया कि यह अपहरण का मामला नहीं है, यह डिजिटल अरेस्टिंग का मामला है. डिजिटल अरेस्टिंग में साइबर ठगी से जुड़े लोग पीड़ित को अकेले कर वारदात को अंजाम देते हैं.
आगे उन्होंने बताया कि सुमंत सौरभ एक निजी स्कूल के संचालक हैं और जब कोई सामान कुरियर से मंगाया जाता है, तो साइबर ठगी से जुड़े लोग उनके मोबाइल पर धमकाते हैं कि आपके भेजे गए कुरियर में आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है, जिसे क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बरामद कर लिया है. अब आपके घर और अन्य जगहों पर क्राइम ब्रांच, इनकम टैक्स सहित अन्य जांच एजेंसियों छापेमारी करेगी. यदि आप इनसे बचना चाहते हैं तो बताई गई बातों को अमल करें. उसी तरह सुमंत सौरभ के साथ भी यही घटना हुई है. साइबर ठगी गिरोह ने पहले उन्हें अकेले रहने की बात कही और एक कमरे में बंद रहने की बात कही. उन्हें पहले एक नया मोबाइल खरीदने के लिए कहा गया फिर बंद कमरे में साइबर ठगों का वीडियो कॉल पर लाया गया. पुलिस ने जब होटल के कमरे में छापेमारी की थी, तब भी साइबर ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल पर रखा हुआ था. सुमंत सौरभ के मोबाइल पर आए हुए नंबर पर फिलहाल पुलिस मामला दर्ज करते हुए जांच में जुट गई है.
पत्रकारों के साथ हाथापाई
वहीं, पूर्व विधायक बोगो सिंह के पुत्र सुमंत सौरभ के अपहरण की सूचना पर न्यूज़ कावरेज करने गए पत्रकारों के साथ पूर्व विधायक के समर्थकों ने हाथापाई की और कवरेज कर रहे पत्रकारों का मोबाइल छीन लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार करने लगे.
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