भागलपुर: जिले के कुमैठा पंचायत की महिला मुखिया अनिता देवी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस के अनुसार महिला मुखिया के रक्षक ही उनके भक्षक बन गए थे. उनके बॉडीगार्ड के रूप में काम कर रहे महंत मिश्रा ने दो अन्य के साथ मिलकर उनकी हत्या की थी. इस बात को उन्होंने पुलिस के सामने कबूला है. पुलिसिया पूछताछ में उन्होंने बताया कि गुरुवार को हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद उन्होंने शव को कमरे में ही फंदे से लटका दिया. फिर पलंग के नीचे छुप गए. 


लोगों की भीड़ देख भागने लगे अपराधी


हालांकि, महिला मुखिया की मौत की जानकारी मिलते ही ग्रामीण मौके पर जुटने लगे थे. ऐसे में स्थिति के भयावहता देखते हुए सभी अपराधी वहां से भागने लगे. लेकिन उनमें से दो को ग्रामीणों ने खदेड़ कर पकड़ लिया और बुरी तरह पिटाई कर दी. इधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और लोगों के भारी आक्रोश को झेलते हुए किसी तरह दोनों अपराधियों को अपने कब्जे में लेकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा.


बहरहाल, मायागंज अस्पताल में जख्मी आरोपितों का इलाज चल रहा है. इधर, हत्या की घटना के बाद शुक्रवार को कुमैठा पंचायत में मातमी सन्नाटा पसरा रहा. महिला मुखिया का शव कासव प्रखंड मुख्यालय लाया गया, जहां सुल्तानपुर के विधायक, जिला परिषद के अध्यक्ष के अलावा बीडीओ और अन्य गणमान्य ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. 


परिजनों को 25 लाख के मुआवजे की मांग


विधायक प्रो. ललित नारायण मंडल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष टुनटुन साहनी ने इस घटना की घोर निंदा की. उन्होंने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. इधर मुखिया संघ के मीडिया प्रभारी ने जिला प्रशासन से मृतक के स्वजन को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है.


बता दें कि शुक्रवार की दोपहर सुल्तानगंज गंगा घाट पर दिवंगत मुखिया का अंतिम संस्कार किया गया. इकलौते पुत्र ने मुखाग्नि दी. मृतका के पति वेदानंद तांती के आवेदन पर पुलिस अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और मामले की गहन पड़ताल में जुट गई है. 


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