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Bhagalpur Bridge Collapse: निर्माणाधीन पुल गिरा, एक गार्ड लापता, सीएम नीतीश ने रखी थी नींव, पढ़ें ब्रिज हादसे से जुड़ी 10 बड़ी बातें
Bridge Collapse: निर्माणाधीन पुल हादसे के मामले में सीएम नीतीश ने विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इस पर जेडीयू एमएलए संजीव कुमार ने सवाल खड़े किए हैं.

भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरा
पटना: भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा नदी पर 1710 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा निर्माणाधीन फोरलेन पुल रविवार को गंगा नदी में गिर गया. खगड़िया को भागलपुर से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे इस पुल का एक हिस्सा देखते ही देखते गंगा नदी में गिर गया. एक साल पहले भी आंधी में पुल का कुछ हिस्सा ढह गया था. हालांकि इस हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. साल 2014 में इस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था. पढ़ें इस पुल हादसे से जड़ी 10 बड़ी बातें.
- खगड़िया जिले के परबत्ता विधानसभा स्थित अगवानी घाट से गंगा नदी पर सुल्तानगंज तक बनने वाले फोरलेन महासेतु के 3 पिलर के बीच 192 मीटर का स्लैब रविवार को धराशाई होकर गंगा नदी में समा गया.
- इस घटना में पुल का पाया संख्या 9 से 13 के बीच 3 पिलर गंगा नदी में चला गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में पुल निर्माण की आधारशिला रखी थी.
- इसके बाद 9 मार्च 2015 को पुल निर्माण का काम शुरू हुआ था. पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है. धराशाही होने वाला यह महासेतु कोसी इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित होने वाला था, परंतु शिलान्यास के 9 साल बाद भी कोसी और सीमांचल के लोगों का सपना नहीं पूरा हो पाया.
- यह पुल तो खगड़िया जिले के परबत्ता में बन रहा है परंतु इस पुल से खगड़िया जिले के अलावा सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, दरभंगा, मधुबनी जिले के लोगों के लिए भी विशेष उपयोगी होने वाला है. कोसी या सीमांचल इलाके से झारखंड जाने के लिए विक्रमशिला पुल या मोकामा का राजेंद्र सेतु एकमात्र सहारा है.
- खगड़िया- पूर्णिया के लोग अगवानी घाट से इस्टीमर या नाव के सहारे प्रतिदिन सुल्तानगंज घाट पर पहुंचते हैं यहां आने के बाद वह झारखंड या कहीं भी जाते हैं. इन लोगों का एकमात्र सहारा नाव या स्टीमर ही है वरना लगभग 200 मीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है.
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा है कि सीमांचल के लोगों को पुल के बगैर बहुत दिक्कत होती थी. हमने इन लोगों की दिक्कत देखी थी तो हमने 2012 में ही तय किया था कि परबत्ता से सुल्तानगंज तक एक पुल बनाया जाए. साल 2014 हमने शिलान्यास भी किया. अब तक तो बन जाना चाहिए था लेकिन नहीं बना.
- बताते चलें कि महासेतु बनाने का कुल बजट 1710 करोड़ रखा गया. 2015 से काम भी शुरू हुआ लेकिन पुल का निर्माण होने के पहले दो बार धराशाई हो चुका है. 1 साल पूर्व अप्रैल में यह पुल धराशाई हो गया था. उस वक्त एनडीए की सरकार थी और बीजेपी कोटे से नितिन नवीन पथ निर्माण मंत्री थे.
- हालांकि उस वक्त जांच भी हुई थी और जांच रिपोर्ट भी आई थी जिसके बाद काम बंद कर दिया गया था लेकिन अक्टूबर से फिर काम शुरू कर दिया गया था और कल दूसरी घटना हुई. पहली घटना तो आंधी पानी की वजह बताई गई थी.
- जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि पिलर में बनाने में बहुत सारी कमियां हुई, जिसके कारण पुल धराशाई हुआ है. अब देखना है कि इस बार क्या-क्या बातें छन कर आती हैं.
- भागलपुर में निर्माणाधीन पुल के सुपर स्ट्रक्चर के गिरने के मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
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अरुण पांडेराजनीतिक विश्लेषक
Opinion