भागलपुर: पीरपैंती प्रखंड के ओलापुर पंचायत स्थित मधुबन टोला निवासी अभय कुमार यादव की दुबई (Dubai) में मौत हो गई. मीराबाग फुजैरह यूनाइटेड अरब में उनकी हार्ट अटैक (Heart Attack) से मौत होने की बात कही जा रही. इसकी सूचना अभय के दोस्त ने शुक्रवार की सुबह परिजनों को फोन पर दी. अभय के दोस्तों  ने यह भी बताया कि कंपनी का उन पर काफी दबाव है. कंपनी उसके शव को वहीं दफना देना चाहती है. किसी तरह वह लोग चोरी चुपके सूचना दे रहे. इसके बाद से ही सभी दोस्तों का फोन बंद है. परिवार को किसी अनहोनी की आशंका है. परिजन ने प्रधानमंत्री को ट्वीट करते हुए शव को वतन लाने की गुहार लगाई. इसके अलावा बिहार सरकार समेत कई मंत्रालय से गुहार लगा रहे.


परिजनों ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार


अभय के परिवार में उनके पिता, भाई, पत्नी और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है. उन लोगों ने जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एवं प्रधानमंत्री तक से गुहार लगाई. कहा कि जल्द से जल्द हमारे अभय को भारत लाया जाए. प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री को परिजनों ने ट्वीट कर यह सूचना दी, लेकिन पदाधिकारियों ने अब तक कोई पहल नहीं की. इसपर परिजन काफी आक्रोशित हैं. साथ ही परिजनों ने बताया कि हम लोगों ने वहां की कंपनी के नंबर पर दर्जनों बार फोन किया. फोन एक बार भी नहीं उठाया गया.


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डरते हुए मोबाइल के जरिए परिजन को बताई कई बातें


अभय दुबई की प्राइवेट कंपनी में ऑटो चालक का काम करता था. तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई. निधन होने के बाद दुबई से अभय के एक दोस्त ने किसी तरह कंपनी से छिपकर उसके परिजनों को फोन किया. उन्होंने कहा कि मैं जो बातें बता रहा वो सामने नहीं आनी चाहिए. न ही मेरा नाम और मोबाइल नंबर सामने आना चाहिए. इसके बाद अभय के दोस्त ने परिजनों को घटना की सारी सच्चाई बताई. इसके साथ कुछ ऐसा कहा जिसे परिजन सुनकर दंग रह गए. उसने कहा कि अभय के शव को कंपनी वाले वहां दफनाना चाहते. बताया कि उन लोगों पर कंपनी का काफी दबाव है. कंपनी अभय के शव को वहीं दफना देना चाहती है. किसी तरह वह लोग चोरी चुपके सूचना दे रहे. बात होने के बाद से ही दुबई के सभी दोस्तों का नंबर ऑफ आ रहा.


मृतक की पत्नी बोली-सभी दोस्तों के मोबाइल एक साथ बंद


अभय की पत्नी ने कहा कि हम लोगों से जब उनकी बात हुई थी तो उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक थी. तबीयत खराब होने से अगर उनकी मौत हुई है तो उन्होंने हमसे एक बार भी बात क्यों नहीं की. उनके निधन के बाद उनके सभी दोस्तों का मोबाइल ऑफ है. कंपनी हमारे पति को वहां लेकर गई थी. अब पता चल रहा कि उनकी मौत हो गई. वो शव को वहां दफना रहे. ये सब कहते हुए पत्नी ने सरकार से मदद की गुहार लगाई.


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