भागलपुर: जिले के नवगछिया प्रखंड के महदतपुर गांव में गुरुवार को स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद 100 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. स्कूल में बच्चों ने दोपहर में खाना खाया था. स्कूल में ही तबीयत बिगड़ने लगी. शाम तक नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में इलाज के लिए भीड़ लग गई. पूरा मामला नवगछिया के महदतपुर मध्य विद्यालय का है. घटना के बाद स्कूल में अफरातफरी मच गई. जानकारी मिलने के बाद परिजन भी स्कूल पहुंचने लगे.


परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है. बताया जाता है कि मिड डे मील खाने के बाद करीब 200 के आसपास बच्चे बीमार हुए. इनमें से कुछ ठीक हो गए जो घर चले गए जबकि गुरुवार की देर शाम तक 100 से अधिक बच्चे भर्ती थे. 30 बच्चों की स्थिति गंभीर है. इधर, छिपकली मिलने के बाद भी छात्रों ने हेडमास्टर पर जबरदस्ती खाने खिलाने का आरोप लगाया है.



बनी थी चावल दाल और सब्जी


गुरुवार को स्कूल में मिड डे मील में तालिका के अनुसार चावल, दाल और सब्जी बच्चों को खिलाया गया. कुछ बच्चे स्कूल में ही छुट्टी होने के बाद चार बजे कोचिंग पढ़ने लगे थे. बाकी बच्चे भी अभी स्कूल में ही थे. इसी के बाद धीरे-धीरे किसी किसी बच्चे को उल्टी होने लगी तो किसी को चक्कर आने लगा आनन-फानन में प्रशासन को जानकारी दी गई और बच्चों को अनुमंडल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया.



'छिपकली नहीं बैंगन की डंडी है'


बच्चों ने बताया कि आठवीं कक्षा के छात्र आयुष कुमार की थाली में छिपकली मिली थी. इसकी शिकायत प्रधानाचार्य चितरंजन प्रसाद सिंह से की गई तो उन्होंने कहा कि बैंगन की डंडी है चुपचाप खा लो. बच्चों ने ये भी कहा कि जब कुछ बच्चों ने खाना खाने से इनकार किया तो प्रधानाचार्य चितरंजन प्रसाद सिंह ने जबरदस्ती खाना खिलाया.


सभी बच्चों का बेहतर होगा इलाज: एसडीपीओ


जानकारी मिलने के बाद नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार अनुमंडल अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि हम लोग बच्चों के इलाज के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. जिनकी स्थिति ज्यादा बिगड़ी हुई है उन्हें बाहर भेजने के लिए एंबुलेंस की भी तैयारी कर ली गई है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.


प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा ने बताया कि आज विद्यालय में 298 बच्चों की उपस्थिति थी. छठी कक्षा और सातवीं कक्षा के 200 बच्चों ने भोजन किया था. आठवीं कक्षा के बच्चे जैसे ही भोजन करने जा रहे थे तभी छठी और सातवीं कक्षा के बच्चे उल्टी करने लगे. उनका पेट दर्द करने लगा. सिर चकराने लगा. कहा कि बच्चों के द्वारा बताया गया कि खाने में छिपकली मिली है. अगर ऐसी बात है और प्रधानाचार्य ने उस पर ध्यान नहीं दिया है तो जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.


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