भागलपुर: निजी अस्पताल का मैनेजर का गिरफ्तार, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का है आरोप
ड्रग विभाग के इंस्पेक्टर दयानन्द प्रसाद ने बताया कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो पाती उससे पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये मृत व्यक्ति के नाम पर इंजेक्शन लेकर उसे बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचने वाले थे.
भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले की पुलिस और ड्रग विभाग की टीम ने गुरुवार की देर रात पल्स अस्पताल में छापेमारी की. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कलाबाजरी की सूचना पर ये कार्रवाई की गई. इस दौरान अस्पताल के मैनेजर राहुल और पिंटू को गिरफ्तार किया गया. दरअसल, जिले के बरारी थाना क्षेत्र स्थित पल्स अस्पताल में बांका जिले के कोरोना संक्रमित शख्स का इलाज चल रहा था.
रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए किया था अप्लाई
अस्पताल मैनेजर ने उस मरीज के लिए स्वास्थ्य विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए आवेदन डाला था. लेकिन गुरुवार शाम 3 बजे उस मरीज की मौत हो गई. इधर, पोर्टल से मंजूरी मिलने के बाद राहुल राज ने दलाल पिंटू को इंजेक्शन लेने के लिए अधिकृत मुकुल ट्रेडर्स के पास भेजा. जब मुकुल ट्रेडर्स के व्यवस्थापक को पिंटू पर शक हुआ तो उसने ड्रग विभाग और कोतवाली थाना पुलिस को इसकी सूचना दी.
ऐसे में पुलिस ने पिंटू को गिरफ्तार कर लिया और थाने लाकर पूछताछ की. पूछताछ में उसने अपनी गलती कबूली और पल्स अस्पताल के मैनेजर राहुल के बारे में बताया, जिसके बाद सिटी एएसपी पूरण झा के नेतृत्व में ड्रग विभाग के इंस्पेक्टर दयानन्द प्रसाद, बरारी और कोतवाली थाना की पुलिस पल्स अस्पताल पहुंची और मैनेजर को गिरफ्तार कर कोतवाली थाने ले आई.
कालाबाजारी करने के फिराक में थे दोनों
इस संबंध में ड्रग विभाग के इंस्पेक्टर दयानन्द प्रसाद ने बताया कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो पाती उससे पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये मृत व्यक्ति के नाम पर इंजेक्शन लेकर उसे बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचने वाले थे. पल्स नर्सिंग होम में कोरोना के मरीज भर्ती हैं, इसलिए फिलहाल अस्पताल को सील नही किया गया है.
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