भागलपुर: कांग्रेस के भागलपुर विधायक सह बिहार विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों को भागलपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई है. उन पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. यह मामला इशाकचक थाना क्षेत्र में तीन नवंबर 2020 को दर्ज हुआ था. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कुछ लोगों के साथ चुनाव कार्य को बाधित किया था. आरोप सही पाए जाने पर कोर्ट ने सजा सुनाते हुए एक साल की जेल और आर्थिक जुर्माना लगाया है.


एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह की अदालत ने चार जनवरी को कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात लोगों को निर्वाचन कार्य में बाधा डालने और सेक्टर पदाधिकारी तथा पुलिस टीम के समर्थकों के साथ घेराबंदी करने और पदाधिकारियों से बहस करने चुनाव कार्य में बाधा डालने के मामले में दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है. कोर्ट ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 353 के तहत अजीत शर्मा समेत सात अभियुक्तों को एक साल की साधारण कारावास और एक  हजार रुपये के जुर्माना  के साथ सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 341 में 15 दिनों की साधारण कारावास और 250 रुपये जुर्माना लगाया है. इस सजा में डिफॉल्ट होने पर 500 रुपये का जुर्माना देना होगा. 


अजीत शर्मा समेत सात लोगों को एक साल की सजा


सजा पाने वाले विधायक अजीत शर्मा के अलावा मोहम्मद रियाज उल्लाह अंसारी, मोहम्मद इरफान खान उर्फ पिंटू, मोहम्मद नियाज उद्दीन, मोहम्मद मंजर उद्दीन उर्फ चुनना, मोहम्मद शफकत उल्लाह, मोहम्मद नियाज उल्ला उर्फ आजाद हैं. हालांकि अभी सभी अभियुक्तों को भागलपुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह ने  सजा के बाद बांड भरवाकर मुक्त कर दिया है. सरकार की तरफ से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी प्रभात कुमार ने बहस में भाग लिया था. 


साल 2020 का है पूरा मामला


विधानसभा चुनाव के दौरान तीन नवंबर 2020 को भीखनपुर के पास चलंत मतदान केंद्र के दंडाधिकारी पुलिस पार्टी को विधायक अजीत शर्मा पूरी जमात लेकर एक साथ शाम के 4:30 पदाधिकारियों का घेराव कर दिया था. तब अजीत शर्मा ने चलंत मतदान केंद्र के साथ चल रहे दंडाधिकारी बाल्मीकि कुमार से तू तू मैं मैं भी की थी. अजीत शर्मा का यह कहना था कि उनकी गाड़ी में ईवीएम मशीन कैसे रखी हुई है. उस समय दंडाधिकारी बाल्मीकि कुमार ने उन्हें समझाने का प्रयास किया था कि वह चलंत मतदान केंद्र आकस्मिक सेवा के लिए ईवीएम मशीन रखती है. हम लोग सेक्टर पार्टी हैं. जरूरत पड़ने पर उसे मतदान केंद्र पर मुहैया कराते हैं जिससे मतदान करने वालों को किसी तरह की परेशानी ना हो, लेकिन  उस समय रहे प्रत्याशी अजीत शर्मा समेत कई लोग काफी हंगामा करने लगे.


चुनाव संहिता का किया था उल्लंघन


उस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे और उन्हें भीड़ के बीच से ईवीएम मशीन और गाड़ी के साथ सुरक्षित बाहर निकाला था. इसी दौरान भागलपुर विधायक अजीत शर्मा और उनके साथ सात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके साथ ही कई अज्ञात के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उस समय अधिकारी के रूप में मौजूद आईटीआई के निदेशक मुंगेर निवासी बाल्मीकि कुमार ने  इशाकचक थाने में यह केस दर्ज कराया था.


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