पटना: बिहार में शीतकालीन सत्र का आज सोमवार को आखिरी दिन है. विपक्ष लगातार जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर हमलावर है. इधर, पक्ष लगातार उनके आरोपों पर पलटवार करते हुए जवाब दे रहा. सोमवार को आरजेडी के वरिष्ठ नेता विधायक भाई वrरेंद्र ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए शराबबंदी विवाद पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी शराबबंदी हटवाना चाहती है तो बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन यह बात सदन में बोले. सरकार फिर इसपर विचार करेगी कि क्या शराबबंदी हटा दी जाए?


सदन में बोले शराबबंदी हटाने के लिए बीजेपी


भाई वीरेंद्र ने कहा कि बीजेपी सिर्फ बयानबाजी व घटना पर सियासत न करे. शराबबंदी हटाना चाहती है तो सदन में यह बात बोले. वहीं मुआवजे की बात को लेकर कहा कि जो लोग बेचे व पिलाए हैं उनको खोजा जाएगा. पुलिस कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार करेगी. उससे ही पैसा वसूल कर मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिलेगा, लेकिन शराबबंदी कानून में प्रावधान है की जो शराब पिलाएगा, बेचेगा उससे वसूल कर मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जायेगा. अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू हुआ था. 2016 के अगस्त में गोपालगंज में जहरीली शराब से लोग मरे थे. मृतकों के परिजनों को चार चार लाख रुपये मुआवजे के रूप में अता की गई थी.


‘जहरीली शराब वाला मामला बीजेपी ने कराया है’


भाई वीरेंद्र ने यह भी कहा कि छपरा, सीवान में जो जहरीली शराब से घटना हुई है इसे बीजेपी ने कराया है. यूपी के कुशीनगर से बारात आई थी. टैंकर भरकर जहरीली शराब लेकर सभी लोग पहुंचे थे. पुलिस को सतर्क रहना चाहिए था. इस मामले को लेकर जांच हो रही है. इसमें सभी बातों का खुलासा हो जाएगा. बिहार में जहरीली शराब से लोगों की मौतें हुई हैं. विपक्ष की मानें तो वह आंकड़ा 100 के पार का बता रही. हालांकि कथित तौर पर छपरा में अकेले 80 से ज्यादा लोग मरे हैं. इसके अलावा सीवान और बेगूसराय में भी लोगों की मौतें हुई हैं. हालांकि प्रशासनिक मौत की पुष्टि ज्यादा नहीं है.


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