आराः केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों ने सोमवार किसानों के समर्थन में भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. किसानों के समर्थन में कई पार्टियां बिहार में भी समर्थन में उतरी हैं. आरा में माले के कार्यकर्ता और नेता सुबह से ही सड़कों पर हैं. आरा-पटना मुख्य मार्ग को जाम कर अपना विरोध जता रहे हैं. बंद के दौरान एनएच-30 पर वाहनों की कतार लग गई है.
भारत बंद के समर्थन में आरा में उतरे माले के लोगों ने कृषि कानून के विरोध के साथ-साथ मंहगाई, बिजली बिल, रसोई गैस के बढ़ते दामों को लेकर भी नाराजगी जताई. कोरोना काल में मारे गए सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजा, स्वास्थ्य उपकेंद्रों सहित सभी अस्पतालों की स्थिति में सुधार, जीडीपी का छह प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च, 19 लाख रोजगार देने का वादा पूरा करने की मांग की.
मोदी सरकार ने छीन लिया रोजगार
माले विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि भारत बंद का असर साफ तौर पर दिख रहा है. कृषि विरोधी, देश विरोधी कानूनों के कारण इसका असर दिखने लगा है. महंगाई सातवें आसमान पर है. चाहे डीजल-पेट्रोल हो, रसोई गैस हो या सरसों तेल सबका दाम आसमान छू रहा है. इसके साथ ही बिजली बिल की कीमतें भी आसमान छू चुकी हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने रोजगार तो छीन ही लिया है, कृषि को भी अडानी-अंबानी के हाथों करने वाले हैं.
बता दें कि आज किसान आंदोलन के 300 दिन पूरे हो रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा में कुल 40 किसान संगठन शामिल हैं. इसके अलावा कई राजनीति पार्टियों ने भी इस भारत बंद का समर्थन किया है. ये बंद आज सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है. बिहार पुलिस ने किसान संगठनों के इस बंद को देखते हुए व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं.
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