पटना: कांग्रेस में टूट की खबर के बीच पार्टी के नेता और हाल में सुर्खियों में रहे पूर्व विधायक भरत सिंह ने पार्टी के दिग्गज नेताओं के खिलाफ मोर्चा दिया है. दरसअल, उन्होनें सदानंद सिंह, अखिलेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल पर पार्टी के 11 विधायक को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.


मदम मोहन झा पर लगाया आरोप


भरत सिंह ने शनिवार को कहा कि ये सभी नेता कांग्रेस के विधायक को तोड़ कर नीतीश सरकार में शामिल होना चाहते थे. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का नाम लेते हुए कहा कि पार्टी में उनका काम खत्म हो चुका है और वे जल्द प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने वाले हैं, इसलिए वो पार्टी के विधायक को तोड़ कर नीतीश कुमार से एमएलसी का इनाम पाना चाह रहे थे.


प्रदेश अध्यक्षों ने पहले भी किया था धोखा


भरत सिंह ने पार्टी के पूर्व के अध्यक्षों का इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि पहले भी हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सत्ता की लालच में पार्टी की विचारधारा के खिलाफ जाने का काम किया है. उन्होंने अपनी इस बात को सही साबित करने के लिए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का नाम भी लिया. उन्होंने कहा कि कैसर, अशोक चैधरी और रामजतन सिन्हा उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने अध्यक्ष रहते हुए पार्टी छोड़ने का काम किया था.


बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के खिलाफ भरत सिंह ने कहा कि उन्हें भविष्य की चिंता हो रही थी. वे नीतीश कुमार के सहारे राज्यसभा पहुंचना चाह रहे हैं. वहीं, अखिलेश सिंह भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं.


पहले भी कर चुके हैं ये दावा


बता दें कि भरत सिंह ने कुछ दिन पहले एक बयान देकर बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी थी. दरअसल, उन्होंने अपनी पार्टी के 11 विधयकों के जेडीयू में शामिल होने की आशंका सार्वजनिक रूप से जताई थी, जिसके बाद बिहार की राजनीति में कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि, उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी को अगाह किया और इसी का परिणाम था कि शक्ति सिंह गोहिल को बिहार प्रभारी पद से पार्टी ने हटा दिया.