Bhola Yadav Arrested: कौन हैं लालू यादव के करीबी भोला यादव? तेज और तेजस्वी भी नहीं काटते इनकी बात
Who is Bhola Yadav: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बहादुरपुर सीट विधायक चुने गए थे. हालांकि 2020 चुनाव में वे हायाघाट सीट से चुनाव लड़े लेकिन हार गए.
पटनाः लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी और आरजेडी नेता भोला यादव (RJD Bhola Yadav) को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. रेलवे भर्ती घोटाला (Railway Bharti Ghotala) मामले में इन्हें गिरफ्तार किया गया है. जो लालू को जानता है वो यह भी जानता है कि भोला यादव कौन हैं? क्योंकि अस्पताल, कोर्ट, ट्रेन जहां भी लालू दिखेंगे वहां भोला यादव भी साथ में जरूर दिखते हैं. 2004 से लेकर 2009 तक लालू यादव के ओएसडी (Bhola Yadav OSD) के रूप में काम कर चुके हैं. उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे.
लालू परिवार में बढ़कर है मान-सम्मान
भोला यादव की पहचान इससे भी है कि लालू परिवार में ऐसा कोई नहीं है जो उनकी बात काट दे. लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव भी इनकी बात नहीं काटते हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भोला यादव लालू परिवार के कितने करीब हैं. लालू यादव के बारे में कई बातें ऐसी भी हैं जिसे घर वाले नहीं भी जानते होंगे लेकिन भोला यादव को पता होगा.
भोला यादव को लालू यादव का हनुमान (Lalu Yadav’s Hanuman Bhola Yadav) कहा जाता है. घर से एयरपोर्ट और अस्पाताल से लेकर जेल के गेट तक भोला यादव व्हील चेयर पकड़े दिखते हैं. ठंड हो या गर्मी वो साथ रहते ही हैं. बता दें कि लालू प्रसाद यादव जब रांची में थे तो उनके साथ सिर्फ भोला यादव ही थे.
2015 में चुनाव लड़ा और बन गए विधायक
भोला यादव मगध विश्वविद्यालय से गणित में स्नातकोत्तर हैं. लालू यादव ने भरोसा जताया और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की ओर से उन्हें बहादुरपुर सीट से टिकट दे दिया गया और भोला यादव विधायक चुन लिए गए थे. 2020 में भी भोला यादव को टिकट दिया गया. हालांकि इस बार सीट दूसरी थी. 2020 में भोला यादव हायाघाट सीट से चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं हो सकी.
दरभंगा के रहने वाले हैं भोला
बता दें कि भोला यादव मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले हैं. यहां पैतृक घर कपछाही और बहादुरपुर स्थित आवास में आज छापेमारी हुई है. राजनीति में लालू के करीब आने के बाद इतन करीब हो गए कि लालू से कौन मिलेगा और कौन नहीं वो भोला यादव ही तय करने लगे.
भोला यादव क्यों फंसे?
यह पूरा मामला जमीन नौकरी के बदले जमीन और आईआरसीटीसी स्कैम से जुड़ा है. भोला यादव इसलिए फंसे हैं क्योंकि यह मामला उस वक्त का है जब लाल प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. उस दौरान भोला यादव आरजेडी सुप्रीमो के ओएसडी थे. सारा काम देख रहे थे. इसलिए सीबीआई ने भोला यादव पर भी शिकंजा कसा है.
कुल चार जगहों पर हो रही छापेमारी
आयकर विभाग की सात सदस्यीय टीम ने बुधवार की सुबह भोला यादव के अलग-अलग कुल चार ठिकानों पर छापेमारी की. पटना में दो और दरभंगा में दो जगहों पर यह छापेमारी हुई है. भोला यादव के सीए के आवास पर भी छापेमारी हुई है. रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़े हर मामले को एक-एक कर देखा जा रहा है.
यह भी पढ़ें-