पटना: बिहार के सहरसा जिले के दौरे पर आए कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर बड़ा आरोप लगाया है. कोसी का आतंक कहे जाने वाले पप्पू देव की मौत मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पप्पू देव की हत्या की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई, लेकिन सरकार इस पर चुप है तो क्या नीतीश कुमार ने खुद उनकी हत्या कराई है. हाईकोर्ट की निगरानी में इस पूरे मामले की जांच करानी चाहिए या फिर सीबीआई जांच में दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए.
नीतीश कुमार पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि हम मामले की जानकारी लेने के लिए यहां आए थे. यहां आकर जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखा उसमें साफ है कि पुलिस कस्डटी में किए गए टॉर्चर के कारण उनकी मौत हुई है. ऐसा 400 साल पहले होता था. लोकतांत्रित व्यवस्था में तो पुलिस पर लोग भरोसा करते हैं. लेकिन अगर रक्षक ही भक्षक का काम करने लगे तो लोग कहां जाएंगे. नीतीश कुमार की सरकार भी इन सभी चीजों को आंख बंद करके देख रही है. ऐसा लगता है कि ये सरकार संपोषित हत्या है. सरकार में बैठे लोगों ने ये हत्या कराई है, इसलिए मुख्यमंत्री चुप बैठे हुए हैं.
उन्होंने कहा, " हम मांग करते हैं कि या तो मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में हो या फिर सीबीआई पूरे मामले की जांच करे. तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा. मामले से संलिप्त बड़े पुलिस अधिकारी और नेताओं का सच सामने आना चाहिए और उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए."
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते दिनों कुख्यात पप्पू देव और उसके साथी हथियार के बल पर सहरसा के सदर थाना क्षेत्र के सराही मोहल्ले में जबरन जमीन पर कब्जा कर रहे थे. इसकी सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने तीन लोगों को हथियार और गोली के साथ गिरफ्तार कर लिया. जबकि कुछ बदमाश फरार हो गए. गिरफ्तार बदमाशों ने पुलिस को बताया कि इसमें पप्पू देव भी शामिल था. ऐसे में पुलिस ने बिहरा थाना क्षेत्र के बिहरा गांव स्थित पप्पू देव के घर पर दबिश दी और वहां से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया.
पुलिस का कहना है कि वो (पप्पू देव) मुठभेड़ के दौरान भाग रहा था. लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. इस दौरान मौके पर ही उसे हार्ट अटैक आ गया, जिसके बाद पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई. मुठभेड़ के वक्त उसके कई साथी भी थे. हालांकि, लोगों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में पप्पू देव की मौत सामान्य घटना नहीं है. परिजनों के मुताबिक पुलिस के टॉर्चर से पप्पू देव की मौत हुई है. इसके लिए पुलिस जिम्मेदार है.
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