बिना एक्सपायरी के ही अस्पताल प्रबंधन ने फेंकी दवाइयां, विभाग ने दिया जांच का आदेश
खबर के सामने आते ही अस्पताल प्रबंधन ने फेंकी हुई दवाइयों को आननफनान जलाकर नष्ट कर दिया. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ये सभी दवाइयां आशा कार्यकर्ताओं को वितरण करने के लिए दी जाती हैं, हो सकता हो उन्होंने ही यहां फेंक दी हो.
बिहटा: बिहार के सरकारी अस्पतालों से आए दिन यह शिकायत सामने आती है कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध नहीं है. डाक्टरों द्वारा दवा लिखने के बाद मरीज को बाजार से महंगी दवा खरीदनी पड़ती है. लेकिन राजधानी पटना के पालीगंज अनुमंडल अस्पताल में दवाइयां इतनी अधिक हो गईं हैं कि उसे फेंकने की नौबत आ गयी.
दरसअल, पालीगंज अनुमंडल अस्पताल परिसर में बुधवार को मरीजों को विरतरित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा सप्लाई की जाने वाली दवा भारी मात्रा में पर फेंकी हुई बरामद की गई है. फेंकी गई दवाइयां एक्सपायर भी नहीं हुई हैं. ऐसे में इस मामले में संज्ञान लेते हुए अनुमण्डल प्रशाशन ने जांच का आदेश दिया है.
इधर, खबर के सामने आते ही अस्पताल प्रबंधन ने फेंकी हुई दवाइयों को आननफनान जलाकर नष्ट कर दिया. मिली जानकारी अनुसार आयरन, फॉलिक एसिड, एल्बन्दाजोल समेत कई तरह की दवाइयां बड़े पैमाने पर अनुमण्डल अस्पताल परिसर में फेंकी हुई थी. सभी दवाइयों की एक्सपाइरी डेट 9 सितम्बर, 2021 की है, जिससे साफ पता चलाता है कि दवाइयों को फेंकने में बड़ी लापरवाही की गई है.
इस इस संबंध मे अनुमण्डल अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ये सभी दवाइयां आशा कार्यकर्ताओं को वितरण करने के लिए दी जाती हैं. हो सकता हो उन्होंने ही यहां फेंक दी हो. इधर, अस्पताल प्रबंधन द्वारा लगाए जा रहे आरोप को आशा कार्यकर्ताओं ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि वितरण के लिए मिली दवाइयां उन्होंने नहीं फेंकी हैं. उन्हें वितरण के लिए भी पर्याप्त मात्रा में दवाइयां नहीं मिलती हैं.
इधर, इस मामले में संज्ञान लेते हुए अनुमण्डल प्रशाशन ने जांच के आदेश दिया है. एसडीओ प्रभारी सह एएसडीओ राकेश कुमार ने कहा कि मामले की जाँच की जायेगी और जो भी कोई दोषी होगा उसपर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.