बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अन्य फसलों के साथ गन्ना फसल की भी क्षति आकलित करेगा कृषि विभाग
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धान और औद्योगिक से फसलों के साथ-साथ राज्य में गन्ना फसल की भी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. राज्य के किसानों द्वारा 2.5-3.0 लाख हेक्टेयर में गन्ना उगाया जाता है.
पटना: बिहार में गन्ना की खेती करने वाले किसानों को बिहार सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. कृषि विभाग के सचिव डॉक्टर. एन सरवन कुमार ने गुरुवार को ये आदेश जारी किया है कि अब गन्ना फसल की क्षति होने पर सरकार की ओर से किसानों को इनपुट अनुदान दिया जाएगा. साथ ही आपदा के वक्त कृषि विभाग की अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ना फसलों की क्षति का आंकलन करेगा.
गन्ना फसल की क्षति का करें आकलन
कृषि सचिव ने कहा कि सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित दिया गया है कि बाढ़, सुखाड़, असामयिक वर्षापात और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति के आकलन में गन्ना फसल की क्षति का भी आकलन जरूर किया जाए, ताकि गन्ना उत्पादक किसानों को भी नियमानुसार कृषि इनपुट अनुदान का लाभ दिया जा सके.
नहीं हो पा रहा क्षति का आकलन
कृषि विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार धान और औद्योगिक से फसलों के साथ-साथ राज्य में गन्ना फसल की भी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. राज्य के किसानों द्वारा 2.5-3.0 लाख हेक्टेयर में गन्ना उगाया जाता है. लेकिन कृषि विभाग की ओर से समय-समय पर किए जा रहे फसल क्षति संबंधी आकलन में कभी-कभी गन्ने के फसल की क्षति का आकलन नहीं हो पा रहा है.
ऐसे में उच्च स्तर से प्राप्त निर्देश के आलोक में अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ने के फसल की क्षति का आकलन भी कृषि विभाग के की ओर से ही किया जाएगा, ताकि कृषि इनपुट अनुदान प्रभावित गन्ना किसानों को ससमय मिल सके.
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