अनुकंपा पर नौकरी पाने वालों के लिए बड़ी खबर, बिहार सरकार ने किया बड़ा बदलाव, 30 साल पुराना नियम बदला
साल 1991 से पहले सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की वर्ग-03 और 04 के पदों पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हो जाती थी. लेकिन 1991 में नियमों में संशोधन के बाद इस नियम को हटा दिया गया था.
पटना: बिहार सरकार ने अनुकंपा पर नौकरी पाने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है. बिहार सरकार ने पिता या माता की मौत के बाद अनुकंपा पर उनके बच्चों को नौकरी मिलने वाले 30 पुराने नियम में संशोधन किया है. अब सरकारी सेवा दे रहे माता या पिता में से किसी एक की मौत के बाद बच्चों को अनुकंपा पर नौकरी मिल पाएगी. पहले ऐसा नहीं था. साल 1991 में अनुकंपा पर नौकरी पाने के लिए तय किए गए नियमों ये बात स्पष्ट की गई थी कि यदि माता और पिता दोनों सरकारी नौकरी में हैं या कोई एक पेंशन भोगी है और किसी एक की मौत होती है, तो उनके आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलेगी.
बिहार सरकार ने इस नियम को हटाया
हालांकि, 30 सालों बाद नियमों में संशोधन करते हुए इस नियम को हटा दिया गया. इस बाबत बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मृत सरकारी सेवक के पति/पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) के पेंशनर होने की स्थिति में भी उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देना होगा, यदि उक्त आश्रित के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति की अन्य अहंतायें पूरी की जाती हो.
साल 1991 बना था ये नियम
दरअसल, 1991 से पहले सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की वर्ग-03 और 04 के पदों पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति हो जाती थी. लेकिन 1991 में नियमों में संशोधन के बाद इस नियम को हटा दिया गया था. कहा गया था यदि पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हो और किसी एक की मृत्यु हो जाए तो वैसी स्थिति में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का लाभ उनके परिवार के किसी आश्रित को नहीं मिलेगा.
हालांकि, इस नियम में पर कई बार मंथन किया गया. वहीं, लोगों ने इस नियम में संशोधन करने की मांग की. ऐसे में विभाग ने 1991 में बने नियमों को अमान्य कर 30 सालों बाद फिर से पुराने नियम लागू कर दिए हैं.
यह भी पढ़ें -