Chara Ghotala News: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के पांच विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को उनका पासपोर्ट लौटाने के आदेश दिए हैं.


सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत ने शुक्रवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद उनका पासपोर्ट वापस करने का आदेश दिया. लालू प्रसाद ने पासपोर्ट वापस करने का अनुरोध करते हुए 13 सितंबर को अदालत में अर्जी दाखिल की थी. अब पासपोर्ट वापस लेने के लिए यादव को अदालत में शपथपत्र जमा करना होगा.


यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि सोमवार को शपथपत्र जमा करने के बाद अदालत लालू प्रसाद यादव का पासपोर्ट जारी करेगा.


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लालू के वकील ने कही ये बात
लालू की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि सिंगापुर के चिकित्सक ने 24 सिंतबर को लालू यादव को वहां जांच की तारीख दी है लिहाजा उससे पहले उन्हें सिंगापुर पहुंचना होगा. अतः उन्होंने मांग की कि यथाशीघ्र लालू यादव का पासपोर्ट वापस किया जाए. साथ ही अधिवक्ता ने यह भी अनुरोध किया कि सिंगापुर जाने के दिन से कम से कम दो महीने तक के लिए पासपोर्ट जारी किया जाए.


अदालत ने लालू यादव की अर्जी पर सुनवाई के बाद उनका पासपोर्ट जारी करने का आदेश दिया.


यहां जानें- क्या है चारा घोटाला
साल 1996 में चारा घोटाले का खुलासा हुआ था.  तब ये घोटाला 900 करोड़ रुपये का था. आज जो फैसला आना है वो देवघर ट्रेजरी से निकासी का है. लालू पर 90 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप है. चारा घोटाले में कुल छह केस हैं. जिनमें से एक केस में 2013 में लालू यादव को पांच साल की सजा हो चुकी है, जिसके कारण वो चुनावी राजनीति से ही दूर हो गए. उस मामले में लालू यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ करने की अपील की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हर केस का ट्रायल अलग-अलग चलाने का आदेश दिया था.


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