पटना: बिहार में सरकार बदलने के बाद सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी को लेकर बयानबाजी हो रही है कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपने वादे को पूरा करें. एक तरफ बीजेपी इसको लेकर हमलावर है तो वहीं आज शुक्रवार को पुलिस मित्र राबड़ी आवास (Rabri Residence) के बाहर पहुंच गए और नौकरी के लिए धरना पर बैठ गए. स्थायी नौकरी और उचित मानदेय की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में बिहार के पुलिस मित्र राबड़ी देवी के आवास के बाहर पहुंचे थे. इस दौरान तेजस्वी यादव के वादे पर सवाल उठाए.


धरना पर बैठे पुलिस मित्रों का कहना था कि वे जब तक उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से नहीं मिलेंगे तब तक राबड़ी आवास के बाहर से नहीं हटेंगे क्योंकि तेजस्वी यादव ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. कहा कि वे लोग काम तो करते हैं, लेकिन मानदेय नहीं मिलता है. उन लोगों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला. आज तक स्थायीकरण नहीं किया गया. कहा यह जाता था कि सरकार बदलेगी तो आपका काम हो जाएगा. कभी सरकार बदल जाती है तो कभी इनकी नीति बदल जाती है.






जीतन राम मांझी के आदेश पर रखे गए थे पुलिस मित्र


दरअसल, 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के शासनकाल में सुदूर देहाती क्षेत्रों में हर गांव पर एक पुलिस मित्र को बहाल किया गया था. इनकी जिम्मेदारी गांव में हो रहे अपराध की सूचना सीधे थाना प्रभारी को देने की थी. हालांकि हर पंचायत पर चौकीदार भी तैनात किया गया है, लेकिन चौकीदार के अलावा पुलिस मित्र को भी रखा गया था. उस वक्त उन्हें वर्दी, आई कार्ड और टोपी भी दी गई थी. भत्ता या मानदेय अभी तक तय नहीं हुआ है. इसको लेकर ये लगातार मांग भी करते आ रहे हैं. आज इसी क्रम में फिर पुलिस मित्रों ने राबड़ी आवास के बाहर धरना दिया. 


पुलिस मित्र की मांग सुनने के लिए कुछ देर के बाद तेजस्वी यादव आवास से बाहर निकले. इनकी मांगों को सुनकर भरोसा दिया कि जल्द ही सारी मांग पूरी की जाएगी. तेजस्वी यादव के आश्वासन के बाद पुलिस मित्रों ने राबड़ी आवास से बाहर से धरना समाप्त किया.


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