बिहार: बेवजह निलंबित किए जाने से नाराज 102 एंबुलेंसकर्मियों ने CS कार्यालय का घेराव कर किया प्रदर्शन
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अमित कुमार पांडे ने कहा कि 15 सितंबर, 2020 को उचित मांगों को लेकर 102 एंबुलेंसकर्मियों द्वारा हड़ताल किया गया था, उस दौरान अकारण नालंदा के दो एंबुलेंसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
नालंदा: बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ, इंटक द्वारा 102 एम्बुलेंस कर्मियों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को सीएस कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अमित कुमार पांडे ने कहा कि 15 सितंबर, 2020 को उचित मांगों को लेकर 102 एंबुलेंसकर्मियों द्वारा हड़ताल किया गया था, उस दौरान अकारण नालंदा के दो एंबुलेंसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
इधर, 19 सितंबर, 2020 को राज्य स्तरीय वार्ता में यह स्पष्ट किया गया था कि निलंबित एंबुलेंसकर्मियों को 1 अक्टूबर से कार्य पर रख लिया जाएगा. लेकिन 2 से 3 महीने बीत जाने के बाद सेवा प्रदाता ने हिटलर शाही रवैया से यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ नालंदा में ही दोनों कर्मियों को नहीं रखा जाएगा. बाकी सभी जिलों के निलंबित कर्मियों को रख लिया गया है.
इसी रवैया से नाराज होकर संगठन ने निर्णय लिया है कि 9 दिसंबर को सिविल सर्जन का घेराव किया जाएगा. संगठन कभी भी नहीं चाहती है कि जन सेवा बाधित हो. लेकिन 10 दिसंबर तक अगर दोनों कर्मियों का निबंधन वापस नहीं लिया गया तो 11 दिसंबर से नालंदा के 102 एंबुलेंसकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. अगर इससे भी बात नहीं बनी तो एंबुलेंस कर्मी चक्का जाम भी करेंगे जिसकी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी.
(इनपुट- राजीव सिंह)
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