16 Lakh 37 Thousand Ration Cards Canceled in Bihar: बिहार में 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड को कैंसिल कर दिया गया है. बुधवार (11 सितंबर) को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. बताया गया कि यह कार्ड मृतक व्यक्तियों के नाम पर था. इस पर महीने का पांच किलो अनाज लिया जा रहा था. ई-केवाईसी (eKYC) से इसका खुलासा हुआ है जिसके बाद विभाग ने अवैध तरीके से इस्तेमाल किए जा रहे राशन कार्ड को कैंसिल किया है.


इतना ही नहीं बल्कि यह बात भी सामने आई है कि 2 लाख 77 हजार ऐसे लोग हैं जो बिहार से बाहर रह रहे हैं. मजदूरी करते हैं. उनके नाम पर यहां अनाज लिए जा रहे थे. सचिव एन सरवन कुमार ने बताया कि वर्तमान में 8.35 करोड़ राशन कार्ड में से 8.04 करोड़ (95 प्रतिशत) कार्ड धारक का आधार सीडिंग हो चुका है. 5.10 करोड़ (61 प्रतिशत) लाभुकों का ई-केवाईसी किया गया है जबकि 3.24 करोड़ लाभुकों का ई-केवाईसी किया जा रहा है. इससे खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता आती है एवं गलत व्यक्ति खाद्यान्न के लाभ से वंचित होगा.






उपलब्ध कराए गए एक करोड़ 97 लाख राशन कार्ड


आंकड़ों के आधार पर बताया गया कि राज्य में 90 फीसद परिवार की मुखिया घर की महिलाएं हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक करोड़ 97 लाख परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया है. इसमें से 22 लाख 88 हजार राशन कार्ड अन्त्योदय अन्न योजना (AAY) श्रेणी के एवं एक करोड़ 74 लाख करोड़ राशन कार्ड पीएचएच श्रेणी के हैं. 


बता दें कि सूचना भवन के 'संवाद' कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. इसमें खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह भी शामिल रहीं. उन्होंने बताया कि 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' के तहत पोर्टेबिलिटी के माध्यम से राज्य के अंदर किसी भी जन वितरण प्रणाली दुकान से या राज्य के बाहर किसी जन वितरण प्रणाली दुकान से खाद्यान्न प्राप्त किया जा सकता है. अगस्त 2024 के वितरण चक्र में 89,39,832 राशन कार्ड धारकों ने पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न का लाभ प्राप्त किया है.


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