Bihar Liquor Death: बिहार के पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में पिछले 24 घंटों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई. जबकि, कुपछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस घटना को दुखद बताया. इसके साथ ही उन्होंने घटना से जुड़ी सभी जानकारियां मांगी हैं. इस बीच घटना के बाद पुलिस व मद्य निषेध विभाग की टीम की ओर से लगातार छापेमारी जारी है. इस दौरान दो सहायक उप निरीक्षक (ASI) और चार चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है.


अब तक 12 गिरफ्तार


पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कांतेश कुमार मिश्रा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कुछ की हालत गंभीर है और पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि जिले के चार ब्लॉकों पहाड़पुर, सुगौली, हरसीडीह और तुरकौलिया से मौतों की सूचना मिली थी. इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही घटना के बाद पुलिस व मद्य निषेध विभाग की टीम की ओर से लगातार छापेमारी की जा रही है. इस दौरान दो सहायक उप निरीक्षक (ASI) और चार चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है.


इन लोगों की गई जान


उप महानिरीक्षक (चंपारण रेंज) जयंत कांत ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव में कुछ लोगों ने शराब का सेवन किया था. उन्होंने कहा कि घटना शुक्रवार रात को हुई और आधी रात के बाद ग्रामीण बीमार हो गए. पुलिस ने मृतकों की पहचान पहाड़पुर प्रखंड के रहने वाले अशोक पासवान, छोटू पासवान, टुनटुन सिंह, भूटान मांझी, जटा राम और ध्रुव पासवान के रूप में की है. पुलिस ने कहा कि दो अन्य की पहचान की जा रही है. जिला प्रशासन ने उन जगहों पर मेडिकल टीमें तैनात की हैं, जहां से मौत की सूचना मिली थी.  


शराब पार्टी ने ले ली जान


वहीं, पीड़ित विनोद पासवान के अनुसार जटा राम ने एक पार्टी आयोजित की थी. पासवान ने कहा कि हम सभी पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया प्रखंड के बबगंगा गांव में गेहूं की फसल काटने गए थे, जिसके बाद जटा राम ने शराब पार्टी की, जो एक भयानक घटना में बदल गई.


बीजेपी ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना


मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य में आधे-अधूरे मन से शराबबंदी लागू करने और सरकार के इस पर नियंत्रण नहीं कर पाने के कारण ये घटनाएं हो रही हैं. पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से हुई मौत सरकार की नाकामी को दर्शाती है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय जायसवाल ने कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और कुमार विपक्षी दलों के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की कोशिश में लगे हुए हैं.


शराबबंदी के नाम पर मौत का तांडव


इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, निर्दलीय एमएलसी आफाक अहमद और गैर-राजनीतिक संगठन जन सूराज के सक्रिय सदस्य ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार बिहार में "पूर्ण शराबबंदी के नाम पर" राज्य में लोगों की मौत का तांडव कर रही है. अहमद ने कहा कि यह एक खुला रहस्य है कि शराब उपभोक्ताओं की मांग पर उनके घर तक पहुंचाई जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी है. 


बिहार में प्रतिबंधित है शराब


हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे राज्य में सतर्कता की कोई कमी नहीं है. लोगों को बुरी आदत से बाज आना चाहिए. गौरतलब है कि बिहार के आबकारी अधिनियम के तहत अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार की ओर से बिहार में शराब की बिक्री और पीने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.


ये भी पढ़ेंः Atiq Ahmad Shot Dead: अतीक-अशरफ की हत्या को RJD ने बताया संविधान का एनकाउंटर, कहा- UP में लगे राष्ट्रपति शासन