बिहार: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 47 निजी अस्पताल पड़े कम, 43 और को दिया गया जिम्मा, देखें- पूरी लिस्ट
जिला प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में ये स्पष्ट किया गया है कि चिन्हित अस्पतालों में बेडों की तय संख्या पर ही कोरोना मरीजों इलाज किया जाएगा. इसके अलावा किसी भी अस्पताल में अगर कोरोना मरीज का इलाज किया गया और उनकी मौत हुई तो इसका जिम्मेवार अस्पताल प्रबंधन होगा.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में बीते कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों का इलाज विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में किया जा रहा है. इलाज के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति क्षमता अनुसार लगातार की जा रही है. इस काम में पूरा प्रशासनिक तंत्र लगा हुआ है. इसके बावजूद स्थिति ये है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं. ऐसे में सरकार ने पटना के और 43 निजी अस्पतालों को कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों के रूप में चिन्हित किया है.
47 अस्पतालों में किया जा रहा है इलाज
मालूम हो कि इससे पहले राजधानी पटना में 47 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है. लेकिन अब कुल मिला कर 90 अस्पतालों को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज होगा. चिन्हित अस्पतालों के अलावा किसी अन्य निजी अस्पताल में बिना पूर्व अनुमति के कोरोना मरीजों का इलाज करना प्रतिबंधित है.
बेड बढ़ाने से पहले लेनी होगी अनुमति
इन अस्पतालों की निगरानी और इन्हें आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की जाने की स्थिति में मरीजों के जान को खतरा हो सकता है. इसी प्रकार निजी अस्पतालों में भी निर्धारित बेड की संख्या में वृद्धि पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद ही किया जाएगा. ताकि इसके लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता और उपलब्धता का आकलन किया जा सके.
जिला प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में ये स्पष्ट किया गया है कि चिन्हित अस्पतालों में बेडों की तय संख्या पर ही कोरोना मरीजों इलाज किया जाएगा. इसके अलावा किसी भी अस्पताल में अगर कोरोना मरीज का इलाज किया गया और उनकी मौत हुई तो इसका जिम्मेवार अस्पताल प्रबंधन होगा. उनके ऊपर सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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