पटना: बिहार के वैशाली जिले में एक परिवार ऐसा है, जिसमें 68 सदस्य हैं. सभी एक ही राशन कार्ड पर सरकारी खाद्यान्न का उठाव करते हैं. वहीं, इस परिवार में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के लोग हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि वाह कितना अनोखा परिवार है, तो आपको बता दें कि ये परिवार केवल सरकारी कागज पर है, असलियत में ऐसा कोई परिवार नहीं है. जन वितरण प्रणाली द्वारा वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न का घोटाला करने के लिए ऐसा किया गया है.


दरसअल, पूरे मामले का खुलासा ऑनलाइन राशन कार्ड की वजह से हो पाया है. विभाग के अधिकारियों ने जब एक ही राशन कार्ड में 68 हिन्दू और मुस्लिम सदस्यों के नाम देखा तो वो हैरान रह गए. ऐसे में 'वन नेशन, वन राशन' योजना में की जा रही गड़बड़ी को भांपते हुए महुआ एसडीओ संदीप कुमार ने चेहरकलां के प्रखंड विकास अधिकारी कुमुद रंजन को पूरे मामले की जांच करने और संबंधित पीडीएस डीलर संजय कुमार के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.


टीओआई में छपी खबर के अनुसार महुआ एसडीओ संदीप कुमार ने बीडीओ को धोखाधड़ी के लिए डीलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और खाद्यान्न की बरामदगी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. बता दें कि हाल ही में वैशाली जिले के ब्लॉकों में राशन कार्ड धारकों के बीच खाद्यान्न वितरण की जांच के दौरान डीलर के फर्जीवाड़े का यह मामला सामने आया.


विभागीय अधिकारी यह जानकर हैरान रह गए कि 38 क्विंटल से भी अधिक खाद्यान्न जुबैदा खातून के नेतृत्व में एक परिवार को दिया गया था, जिसमें उमेश पासवान, नवीन कुमार समेत कई अन्य हिन्दू भी सदस्य हैं. शुरुआती जांच से यह पता चला कि पीडीएस डीलर ने एक परिवार के 68 लाभार्थियों की सूची मुफ्त और साथ ही सब्सिडाइज़्ड खाद्यान्न पाने वालों की सूची में शामिल कर दी थी.


ऐसे में कोरोना काल के दौरान राशन कार्ड पर अंकित परिवार के सभी सदस्यों ने मुफ्त खाद्यान्न का उठाव किया. वहीं, मौजूद समेय में परिवार के सभी सदस्य हर महीने 5 किलोग्राम गेहूं/ चावल पाने का हकदार हैं.


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