Acharya Kishore Kunal: पंच तत्व में विलीन हुए आचार्य किशोर कुणाल, समाज सेवा को याद कर भावुक हुए लोग
Acharya Kishore Kunal: पटना के महावीर मंदिर में उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जहां बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और आम लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे.
Acharya Kishore Kunal Last Rites: पटना के महावीर न्यास समिति के सचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार सोमवार को हाजीपुर के कौनहारा घाट पर पूरे वैदिक रीति-रिवाज के साथ किया गया. उनके पुत्र श्यान कुणाल ने चितां को मुखाग्नि दी. उनकी शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और श्रद्धांजलि अर्पित की, जो उनके व्यक्तित्व और समाज सेवा में योगदान को याद कर भावुक हो गए.
हाजीपुर के कौनहारा घाट में अंतिम संस्कार
उसके बाद आचार्य किशोर कुणाल की शवयात्रा सुबह नौ बजे पटना के कुर्जी स्थित उनके आवास 'सयान निलयम' से शुरू हुई. शवयात्रा कुर्जी से शुरू होकर गौशाला रोड, सदाकत आश्रम, राजीव नगर, अटल पथ और पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर होते हुए गांधी मैदान, मरीन ड्राइव, गायघाट, गांधी सेतु होते हुए हाजीपुर के कौनहारा घाट पहुंची.
इससे पहले पटना के महावीर मंदिर में उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जहां बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और आम लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे. महावीर मंदिर न्यास से जुड़े अस्पतालों के डॉक्टर और कर्मचारी, पटना विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र और उनके करीबी सहयोगी शवयात्रा में शामिल हुए. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत कई नामचीन हस्तियां देर रात उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचीं थीं.
भारतीय समाज के लिए एक अमूल्य विरासत
आचार्य किशोर कुणाल के जीवन में किए गए समाज सेवा, मंदिर निर्माण और धार्मिक ग्रंथों के संरक्षण के कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने 74 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली, बता दें कि आचार्य किशोर कुणाल ने पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया. उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान और महावीर वात्सल्य संस्थान जैसी संस्थाओं की स्थापना करके स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया. उन्होंने न केवल धार्मिक संस्थाओं को भौतिक रूप से सशक्त बनाया, बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी प्रयास किए. उनके जाने के बाद उनके कार्य भारतीय समाज के लिए एक अमूल्य विरासत हैं और प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे.
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