KK Pathak News: बिहार के शिक्षा विभाग में एक बार फिर हड़कंप मच गया है. बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (डीपीओ स्थापना) के वेतन पर रोक लगा दी गई है. एक गलती भारी पड़ी है. बताया जाता है कि इनकी लापरवाही के कारण शिक्षकों का समय से वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर केके पाठक ने समीक्षा की थी जिसमें पदाधिकारी की शिथिलता पाई गई. इसको लेकर केके पाठक काफी नाराज हो गए. अब शिक्षा विभाग सख्त हो गया है.


विभाग के वरीय पदाधिकारियों ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है. इस मामले में शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव ने मंगलवार (30 अप्रैल) को पत्र जारी कर सभी डीईओ और डीपीओ (स्थापना) के वेतन पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है.


जारी किए गए पत्र में क्या कहा गया है?


विभाग की ओर से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि बीते 29 अप्रैल को विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से टीआरई-1 और टीआरई-2 के तहत नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के वेतन भुगतान से संबंधित कार्य प्रगति की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान सभी जिलों के विद्यालय अध्यापकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया लंबित पाई गई, जबकि इन अध्यापकों का वेतन भुगतान अविलंब करने आदेश पहले ही दिया जा चुका है. नियोजित शिक्षकों का भी वेतन भुगतान लंबित पाया गया.


पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि विभाग के अपर मुख्य सचिव के कई बार निर्देश दिए जाने के बावजूद स्थानीय स्तर पर पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण टीआरई-1 और टीआरई-2 के तहत नियुक्त अध्यापकों एवं नियोजित शिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग के वरीय पदाधिकारियों ने कार्रवाई की है.


ऐसे में सभी डीईओ और डीपीओ (स्थापना) से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है. स्पष्टीकरण पर निर्णय होने तक अप्रैल 2024 के वेतन पर भी रोक लगा दी गई है. कार्रवाई के लिए पत्र जारी होने के बाद मंगलवार को जिला मुख्यालय व प्रखंडों में विभाग के पदाधिकारी व कर्मी संबंधित कार्यों को लेकर काफी सक्रिय दिखे.


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