पटना: शिक्षा विभाग (Education Department) के एसीएस केके पाठक (ACS KK Pathak) ने अपने एक आदेश से राजभवन को नाराज कर दिया है. यही वजह है कि राजभवन सख्त हो गया है. राज्यपाल ने रविवार (3 मार्च) को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में केके पाठक की ओर से दिए गए आदेश पर चर्चा होगी.
राजभवन में क्यों बुलाई गई यह बैठक?
केके पाठक के आदेश पर शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और अन्य अधिकारियों का वेतन रोकने का निर्णय लिया है. विश्वविद्यालयों के खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है. शोकॉज नोटिस जारी किया गया है. शोकॉज जारी कर पूछा गया है कि 28 फरवरी को शिक्षा विभाग की ओर से बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में आप लोग क्यों नहीं आए? क्यों नहीं आप लोगों पर पर प्राथमिकी दर्ज की जाए?
शिक्षा विभाग और राजभवन में बढ़ी तकरार
28 मार्च को केके पाठक के आदेश पर शिक्षा विभाग की ओर से विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुल सचिवों, अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी. यूनिवर्सिटी एग्जाम को लेकर इसमें चर्चा होनी थी. कई विश्वविद्यालयों का सेशन लेट चल रहा है. कई तरह के एग्जाम और रिजल्ट पेंडिंग हैं. इन मुद्दों पर बैठक में चर्चा होनी थी, लेकिन इस बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति कुलसचिव एवं अधिकारी शामिल नहीं हुए थे. वह इसलिए क्योंकि राजभवन की तरफ से उन लोगों को अनुमति नहीं मिली थी.
शिक्षा विभाग नहीं दे सकता है दखल
विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अधिकारियों को राजभवन का स्पष्ट निर्देश था कि विश्वविद्यालय के अधिकारी राजभवन के अधीन हैं. विश्वविद्यालय व राजभवन के कामकाज में शिक्षा विभाग दखल नहीं दे सकता है. इसलिए कोई भी अधिकारी शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होगा. यही वजह है कि शिक्षा विभाग की बैठक में कोई भी अधिकारी विश्वविद्यालय का शामिल नहीं हुआ. बैठक में सिर्फ दो विश्वविद्यालयों की ओर से तीन प्रतिनिधि ही शामिल हुए थे.
इन सब तमाम गतिविधियों के बीच केके पाठक अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन दिया था. इसके बाद उनके आवेदन पर सहमति देते हुए केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए एनओसी दे दी गई है.
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