बिहार: कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करने वाले निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई, कोविड वार्ड बनाना अनिवार्य
अस्पताल संचालकों को अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाकर प्रमुखता के आधार पर कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर इलाज करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही अलग-अलग वार्ड के लिए अलग-अलग दर भी निर्धारित किया गया है.
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दरभंगा: देश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. बिहार में भी संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है. रोजाना सैकड़ों लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है. ऐसे में सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड केयर यूनिट शुरू करने का निर्णय लिया है. इस बाबत निजी अस्पतालों को चिन्हित कर वहां कोविड वार्ड बनाने आदेश जारी किया गया है. लेकिन कई निजी अस्पताल सरकार के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं. ऐसे में इन अस्पतालों के खिलाफ अब कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है.
निजी अस्पताल के खिलाफ की कार्रवाई
इसी क्रम में सोमवार को बिहार के दरभंगा जिला स्थित निजी अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिले के वरीय पदाधिकारी द्वारा यह पाया गया कि वहां कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अभी तक अस्पाताल में कोरोना वार्ड चालू नहीं किया गया है. इसे गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 और आई.पी.सी. की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई करने साथ ही स्पष्टीकरण की मांग की गई है.
प्रशासन ने जारी किया ये आदेश
बता दें कि जिले में कुल 16 प्राइवेट अस्पतालों को कोविड केयर अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है. 17 अप्रैल, 2021 को जिले के वरीय अधिकारियों ने इन सभी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें अपने अस्पताल में उपलब्ध सामान्य, आईसीयू और वेंटिलेटर युक्त वार्ड में उपलब्ध कुल बेड का 50 प्रतिशत बेड कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया था.
अस्पताल संचालकों को अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाकर प्रमुखता के आधार पर कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर इलाज करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही अलग-अलग वार्ड के लिए अलग-अलग दर भी निर्धारित किया गया है. ऐसे में जो अस्पताल संचालक इस आदेश को नहीं मान रहे , उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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