Bihar Politics: बिहार के पूर्णिया में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के कुछ घंटों बाद, जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने गृह मंत्री पर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि "सोचिए जिस देश का गृहमंत्री ही जुमलेबाज हो, उस देश का भविष्य क्या होगा ? अब तो भाजपा मुक्त देश ही एक मात्र विकल्प है." उन्होंने आगे कहा कि "देश के माननीय जुमलेबाज गृहमंत्री जी बड़बोला टिप्पणी अहंकार का द्योतक होता है. आपको आत्मचिंतन की सख़्त जरूरत है"
गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्णिया में की रैली में कही थी ये बात
ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'जुमलेबाज मा. गृहमंत्री जी, पूर्णिया हवाई अड्डा कब बन गया, बताइए तो जरा ? कृपया हमारा ज्ञानवर्धन कीजिए. कम से कम अब तो बिहार के लोगों को ठगना बंद कीजिए.' वहीं ललन सिंह ने एक प्रेस मीटिंग में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पीठ में छुरा घोंपा था. यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दावे का शायद जवाब था जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार ने अपनी प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के लिए भाजपा की पीठ में छुरा घोंपा.
बीजेपी पर छूरा घोंपने का ललन सिंह ने लगाया आरोप
ललन सिंह ने कहा कि "2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान, जद (यू) के कार्यकर्ता भाजपा उम्मीदवारों को सीटें जीतने में मदद कर रहे थे और भाजपा के कार्यकर्ता जद (यू) के उम्मीदवारों को हराने में शामिल थे. वह था यही कारण है कि हमारे पास कम सीटें (43) हैं और बिहार में आपकी (बीजेपी) सीटें बढ़ी हैं. इसलिए, आपने नीतीश कुमार की पीठ में छुरा घोंपा है और उन्होंने आपकी पीठ में छुरा घोंपा नहीं है." जद (यू) नेता ने आगे, भाजपा पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में "अवैध रूप से" सरकार बनाने का आरोप लगाया.
सीबीआई और ईडी को लेकर कही ये बात
उन्होंने कहा कि "आपने दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की है, झारखंड में अनिश्चितता के लिए आप जिम्मेदार हैं और आप नैतिकता की बात कर रहे हैं. आपने नैतिकता की एक नई परिभाषा बनाई है. यदि कोई भ्रष्ट राजनेता भाजपा में शामिल होता है, तो वह साफ हो जाता है और यदि कोई राजनेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है या आप उन्हें भ्रष्ट घोषित करते हैं और विपक्षी खेमे में बैठे हैं, तो आप सीबीआई और ईडी की जांच शुरू करते हैं.