पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के साथ सरकार गठन में बीजेपी कोटे से मंत्रिमंडल में अधिक सीटें हासिल करने के बाद अब बीजेपी के कोटे में विधान परिषद में भी सबसे अधिक सीटें मिलने की संभावना बढ़ गई है. विधान परिषद में अभी 17 सीटें खाली हैं. जहां एक ओर सुशील मोदी का राज्यसभा जाना लगभग तय हो चुका है, वहीं इसके बाद विधान परिषद में खाली सीटों की संख्या बढ़कर अब 18 हो जाएगीं. इन सीटों में 8 सीटे बीजेपी के कोटे में आ सकती है.बीजेपी के खाते में आने वाली 8 सीटों में पर इतनी संख्या में विधान पार्षद का कोटा मिलने की संभावना के मद्देनजर पार्टी के उन नेताओं-कार्यकर्ताओं में उत्साह है, जो वर्षों से पार्टी की सेवा में लगे रहे हैं. अब तक विधान परिषद के कोटे में बीजेपी को अधिकतम मनोनयन कोटे में पांच सीटें ही मिली हैं, चूंकि इस बार विधानसभा चुनाव में बड़ी पार्टी बनने के बाद बीजेपी के खाते में मनोनयन कोटे की 12 में से आधी सीटें मिल सकती हैं. इस बार मनोनयन कोटे के अलावा बीजेपी के खाते में दो सीटें विधानसभा कोटे की आने की भी उम्मीद हैं. विनोद नारायण झा विधायक बन चुके हैं और इनका कार्यकाल 2022 तक का था, जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राज्यसभा जा रहे हैं और इनका कार्यकाल 2024 तक बचा है.पार्टी नेताओं की माने तो आठ सीटें आने के बाद दल में वैसे नेता अपनी जुगत भिड़ाने में जुट गए हैं जो विधान परिषद जाने की उम्मीद रखते हैं.सूत्रों की माने तो इसके लिए बिहार से लेकर दिल्ली नेताओं की मैराथन शुरु हो गई है. आलाकमान के दरबार में लॉबिंग भी शुरु हो गई है लेकिन तमाम मशक्कतों के बीच इस बार दल में निष्ठा रखने वालों को हीं तरजीह मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.



वर्तमान में विधान परिषद की दलगत स्थिति



वर्तमान में विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 75 है जिनमें जेडीयू के 23 एमएलसी शामिल हैं तो वहीं बीजेपी कोटे से 19 एमएलसी हैं और आरजेडी से 6 तो कांग्रेस के 4, हम के 1 और भाकपा के 2,एलजेपी के 1,और निर्दलीय 2 एमएलसी शामिल है.बाकी की 17 सीटें अभी खाली हैं जिनमें 12 मनोनयन कोटे के तो 4 स्थानीय निकाय के और 1 विधानसभा कोटे की सीट अभी खाली हैं जिनमें 8 सीटें बीजेपी कोटे में जाने की उम्मीद जताई जा रही है.