कैमूर: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से राज्य में रोजाना कई लोगों की जान जा रही है. इस बार गांव-गांव तक संक्रमण फैल चुका है, जिस वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. लोग जागरूकता की कमी में मामूली बीमारियों से ग्रसित होने पर भी डॉक्टर के पास नहीं जा रहे, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड के बम्हौर खास गांव का है, जहां बीते एक महीने में 12 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
एसडीएम ने किया गांव का दौरा
मौत कोरोना संक्रमण के कारण ही हुई, ये अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. जिला प्रशासन इसे स्वाभाविक मौत बता रहा है, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो मरने वाले कुछ लोग खांसी, बुखार और सर्दी से पीड़ित थे. जैसे ही ये सूचना मोहनिया एसडीएम अमृषा बैंस को मिली वो डीएसपी, अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक और एंबुलेंस के साथ बम्हौर खास गांव पहुंची. वहां उन्होंने मुखिया और ग्रामीणों से मौजूदा हालात के संबंध में जानकारी ली.
इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी अमृषा बैंस ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वे गांव पहुंची थीं. उन्हें सूचना मिली थी कि बहुत ज्यादा संख्या में लोगों की मौत हुई है और ग्रामीण भयभीत हैं. गांव जाकर पता चला कि 12 लोगों की मौत हुई है और सभी बुजुर्ग थे. ऐसे में मेरी ग्रामीणों से अपील है कि वो ज्यादा से ज्यादा जांच कराएं, टीका लें. तबीयत बिगड़ने ने डॉक्टर से सलाह लें, तुरंत इलाज कराएं, ताकि समय रहते उनकी जान बचाई जा सके. रोग छिपाने से रोग बढ़ेगा, जो आगे चलकर घातक साबित होगा.
ग्रामीणों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाया सवाल
इधर, बम्हौर खास के मुखिया ने कहा कि उनकी जानकारी में एक महीने में 13 लोगों की मौत हुई है. लेकिन सभी लोग कोरोना संक्रमित ही थे, ये कह पाना मुश्किल है. इस गांव की आबादी 21 हजार के करीब है. वहीं, ग्रामीण अजय सिंह ने बताया कि 20 से अधिक लोगों की मौत हुई है. प्रशासन की भूमिका यहां नगण्य है. अभी भी गांव के कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण पाए जा रहे हैं. लेकिन जांच और इलाज की व्यवस्था नहीं है.
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