Bihar Agriculture: कोल्ड स्टोरेज बनाने पर कृषि विभाग का व्यवसायियों को बड़ा ऑफर, किसानों पर भी मेहरबान हुई सरकार
Bihar Farmers Schemes: बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने किसानों के लिए कई योजनाओं पर बात की. उन्होंने पेट्रोल अनुदान, कोल्ड स्टोरेज समेत खेतों को जंगली जानवरों से बचाने की योजना बताई.
Agriculture Minister Mangal Pandey: बिहार में हुई कम वर्षा को देखते हुए बिहार सरकार के कृषि विभाग ने डीजल पर 75 रुपये प्रति लीटर अनुदान देने की घोषणा की है, जो प्रति एकड़ 750 रुपये दिया जाएगा. इसमें एक किसान को अधिकतम 8 एकड़ से अधिक नहीं दिया जाएगा. 8 एकड़ से कम जमीन वाले किसान को ही इसका लाभ मिलेगा. इस बात की जानकारी देते हुए बुधवार (7 अगस्त) को कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि डीजल अनुदान के लिए यह योजना 26 जुलाई 2024 से खरीफ फसल के लिए शुरू कर दी गई है और अब तक 32000 आवेदन आ चुके हैं.
कोल्ड स्टोरेज बनाने पर मिलेगी सरकारी सहायता
उन्होंने कहा कि यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को दिया जाएगा चाहे धान की खेती हो या कोई अन्य खरीफ फसल के लिए हो अनुदान राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी दिया जाएगा. इस योजना का लाभ कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकृत किसानों को ही दिया जा रहा है. कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए कृषि विभाग ने व्यवसायियों को भी बड़ा ऑफर दिया है.
मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि राज्य में 12 ऐसे जिले हैं जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को प्राप्त नहीं है. इनमें मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल और शिवहर जिला शामिल है. इन जिलों के लिए कृषि विभाग ने यह स्कीम लाई है कि जो भी व्यवसायी इन इलाकों में कोल्ड स्टोरेज खोलते हैं उन्हें विभाग की ओर से 50% का सहायता अनुदान दिया जाएगा जो 17 लाख 50 हजार का अनुदान होगा.
नीलगाय और सूअर से खेतों को बचाने की जरूरत
कोल्ड स्टोरेज दो टाइप के होते हैं एक मीट्रिक टन और दो मीट्रिक टन, दोनों में से कोई भी स्टोरेज खोलने पर अनुदान प्रतिशत उतना ही रहेगा. कोल्ड स्टोरेज खोलने वालों को सौर ऊर्जा मुहैय्या कराया जाएगा, ताकि बिजली की खपत कम हो. वर्तमान समय में किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन नीलगाय और जंगली सूअर है. इसके लिए भी कृषि विभाग ने कमर कस लिया है. मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी इन दो जानवरों से हो रही है. विभाग का जो आंकड़ा है, उसके अनुसार 295866 की संख्या में बिहार के 34 जिलों में नीलगाय है, जबकि 30 जिलों में जंगली सूअर 67255 है, जो फसलों को नष्ट कर देते हैं.
सरकार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, पंचायती राज विभाग कृषि विभाग और गृह विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी की एक संयुक्त बैठक आयोजित कर इसकी समस्या से समाधान की रणनीति तैयार करने जा रही है. इसके अलावा सभी वन प्रमंडल पदाधिकारी को घोरपरास और जंगली सूअर को चिन्हित करने और हर जिले के 10-10 मुखिया के साथ बैठक आयोजित कर उनकी संख्या में नियंत्रण करने के लिए कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः Animal Bones Recovered: भारत नेपाल सीमा पर कबाड़ दुकान से जानवरों की हड्डियां बरामद, पड़ोसी देश से तस्करी की आशंका