अच्छी खबर: गोपालगंज से उड़ान भरेंगे विमान, सालों से बंद पड़े हवाई अड्डा को चालू करने की मिली स्वीकृति
अंग्रेजों ने 1868 में सबेया में 517 एकड़ जमीन पर इस हवाई अड्डे को बनाया था. चीन के नजदीक होने के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह हवाई अड्डा काफी संवेदनशील था.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिला स्थित सबेया हवाई अड्डा से उड़ान सेवा चालू होने की उम्मीद बढ़ गई है. बंद पड़े हवाई अड्डा को चालू करने के लिए गोपालगंज के सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ.आलोक कुमार सुमन की ओर से लगाई गई गुहार को केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री हरदीप एस पुरी ने स्वीकृति दे दी है. सबेया हवाई अड्डा से 'उड़े देश का आम आदमी' योजना के तहत उड़ान सेवा शुरू होगी. सांसद की ओर से लोकसभा के शून्य काल हवाई अड्डा को विकसित करने और घरेलू स्तर पर उड़ान सेवा शुरू करने की मांग की गई थी.
सांसद ने बताया कि केंद्रीय नगर विमानन राज्य मंत्री द्वारा सबेया हवाई अड्डा को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम 'आरसीएस' की स्वीकृति देते हुए उड़े देश का आम नागरिक योजना 'उड़ान' में शामिल किया गया है. अब हवाई अड्डा को 'उड़ान' योजना के प्रावधानों के अनुसार विकासित करने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी. सबेया हवाई अड्डा का जीर्णोद्धार हो जाने से खाड़ी देश से आने और जाने वाले लोगों को घरेलू स्तर पर ही उड़ान सेवा का लाभ मिलेगा. साथ ही पर्यटन और व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा.
क्या है उड़ान योजना ?
उड़ान का फुल फॉर्म 'उड़े देश का आम नागरिक' है, जिसके तहत आम आदमी को कम राशि में पांच सौ किमी की दूरी का सफर एक घंटे में तय कराया जाएगा. यह योजना लोगों को सुविधा प्रदान करने वाली योजना है, जिसके तहत वो दूर की यात्रा भी कम पैसों में कर सकते हैं और हवाई जहाज में बैठने का अपना सपना भी पूरा कर सकते हैं.
उड़ान योजना से जुड़ी मुख्य बातें
सरकार के मुताबिक 'उड़ान' अपनी तरह की पहली योजना है, जो 'बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी' को बढ़ावा देगी. केंद्र सरकार ने एक घंटे के हवाई सफर के लिए 2500 रुपये निर्धारित किए हैं. सबेया हवाई अड्डा से इसकी शुरुआत होने की उम्मीद. उड़ान योजना में एयरलाइंस 19-78 सीटों वाले विमानों को उड़ाएंगी. उड़ान योजना 10 वर्षों के लिए कार्यरत होगी.
रक्षा मंत्रालय का है हवाई अड्डा
बता दें कि अंग्रेजों ने 1868 में सबेया में 517 एकड़ जमीन पर इस हवाई अड्डे को बनाया था. चीन के नजदीक होने के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह हवाई अड्डा काफी संवेदनशील था. आजादी के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस हवाई अड्डे को ओवरटेक करने के बाद इसे विकसित करने की जगह उपेक्षित छोड़ दिया था.
विकसित करने की क्यों पड़ी जरूरत
गोपालगंज और सिवान के डेढ़ लाख से अधिक लोग विदेशों में रह रहे हैं. यहां से नजदीक गोरखपुर एयरफोर्स का यूनिट है. इनमें से खाड़ी देशों के मस्कट, ओमान, सऊदी, ईरान, बहरीन, दुबई जाते हैं. सीवान के बाद विदेशी मुद्रा की सर्वाधिक आवक गोपालगंज में है. यहां घरेलू उड़ान शुरू होने से कारोबार बढ़ेगी और देश में विदेशी मुद्रा लाने वाले कमासूतों को सहूलियत मिलेगी साथ ही सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
क्या कहते हैं सांसद
इस संबंध में गोपालगंज सांसद आलोक कुमार सुमन ने कहा, " सांसद बनने के बाद से ही बंद पड़े सबेया हवाई अड्डा को स्वीकृति दिलाने के लिए प्रयासरत था. लोकसभा के शून्य अध्यक्ष के समक्ष हवाई अड्डा को चालू करने के लिए मांग रखी. केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री हरदीप एस पुरी ने इसकी स्वीकृति दे दी है. अब हवाई सेवा चालू करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है."