पटनाः बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बुधवार को गठबंधन से बाहर निकलने के संकेत दिए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र प्रसाद कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव माधव आनंद ने बताया कि उनकी पार्टी अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले संभावनाओं को तलाशने के लिए तैयार है.


उन्होंने कहा, “कल हमने एक बैठक बुलाई है जिसमें हमारे राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी के सभी सदस्य शामिल होंगे. महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है और हमें कुछ समयबद्ध फैसले लेने की जरूरत है.”


रालोसपा नेता ने महागठबंधन में "समन्वय की कमी" और जीतन राम मांझी के हाल में इसे छोड देने के बाद भी कोई सबक सीखने में इसकी विफलता पर नाराजगी व्यक्त की.


महागठबंधन में फिलहाल आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा और मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी शामिल हैं. इसके अलावा वामपंथी दलों के भी इसमें शामिल होने की बात की जा रही है. ऐसे में इन दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है. फिलहाल आरजेडी के 80 विधायक, कांग्रेस के 26 और भाकपा-माले के 3 विधायक हैं. रालोसपा के भी दो विधायक पिछले विधानसभा चुनाव में जीते थे लेकिन वे बाद में जेडीयू में शामिल हो गए थे.


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