कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नुआंव में एंबुलेंस की व्यवस्था भगवान भरोसे है. स्थिति ऐसी है कि स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को भी ठीक से नहीं पता कि स्वास्थ्य केंद्र में एम्बुलेंस है या नहीं. बता दें कि साल 2012 में 102 के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नुआंव में एम्बुलेन्स व्यवस्था बहाल हुई थी. लेकिन पांच लाख किलोमीटर चल चुकी गाड़ी की स्थिति अब जर्जर हो गई है. ऐसे में गाड़ी केंद्र कंपाउंड की बस शोभा बढ़ा रही है.


मिली जानकारी अनुसार कई बार प्रभारी द्वारा जिले में होने वाले चिकित्सकों के बैठक में मामला संज्ञान में लाया गया है. लेकिन उन्हें बस आश्वासन ही मिल रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं और दुर्घटना के शिकार हुए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.


दरअसल, यह मामला तब उजागर हुआ जब स्वास्थ्य व्यवस्था के बिगड़ते हालात को देखते हुए कैमूर डीएम के निर्देश पर कैमूर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों की जांच कराई गई. इसी क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नुआंव का जांच करने के लिए एएसडीएम मोहनिया पहुंचे. जहां एंबुलेंस की कमी दिखाई दी.


वहीं, लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि गाड़ी बहुत ही जर्जर अवस्था में है. अगर मरीज लेकर चली भी तो कब कहां जाकर रुक जाएगी इसका कोई पता नहीं. चिकित्सक जल्द इस एंबुलेंस को ले जाने की सलाह भी नहीं देते हैं. कैमूर और बक्सर जिले के बॉर्डर पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नुआंव में एंबुलेंस व्यवस्था नहीं रहने से गर्भवती महिलाओं और एक्सीडेंट में आए मरीजों के साथ खासा परेशानी का सामना उठाना पड़ता है.


अस्पताल के जांच करने गए एएसडीएम संजीत कुमार बताते हैं कि जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल परिसर का जांच करने गए तो एंबुलेंस व्यवस्था बेहद ही खराब दिखी, जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है.


वहीं, अस्पताल के प्रभारी बताते हैं कि 2012 में 102 के तहत व्यवस्था बहाल थी, लेकिन आज वह पूरी तरह जर्जर अवस्था में है. अगर कोई गंभीर हो तो एम्बुलेन्स के अभाव में उनकी मृत्यु भी हो जाती है.