मुजफ्फरपुर: बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान शराब बंदी सरकार के लिए एक बडे मुद्दों में से एक था. वही प्रदेश में शराब कारोबारी तू डाल डाल मै पात पात के तर्ज पर काम कर रहे हैं.एक ओर सूबे में शराब कारोबारियों पर सरकार दबिश बना रही है वहीं शराब कारोबारीयों ने शिक्षा के मंदिर को ही अपने किले में तब्दील कर कारोबार शुरू कर दिया है.
मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर आंगनबाड़ी केंद्र में बने तहखाना से 62 कार्टन करीब 551 लीटर विदेशी शराब बरामद की है. इसमें केंद्र संचालिका की संलिप्तता बताई जा रही है. लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. इस मामले में आंगनबाड़ी केंद्र संचालिका के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.उत्पाद अधीक्षक राय संजय ने बताया कि मामले को लेकर आंगनवाड़ी सेविका और चिन्हित कारोबारी के विरुद्ध उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज कर कानूनी करवाई की जाएगी.
जानकारी के अनुसार पियरा क्षेत्र के मतलूपुर गांव के वार्ड 14 में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र के नीचे 10 फीट का तहखाना बना हुआ था. उसी में शराब छिपा कर रखी जाती थी. उत्पाद विभाग को सूचना मिली थी कि नए वर्ष के अवसर पर शराब की बड़ी खेप मंगाई गई है. जिसे गांव में ही आंगनबाड़ी केंद्र पर छिपा कर रखा गया है.
आंगनबाड़ी केंद्र में बने तहखाने को देख हैरान रह गई टीम
उत्पाद विभाग की टीम जब गांव पहुंची तो केंद्र पर तलाशी लेने लगी मगर कुछ भी नही मिला लेकिन काफी खोजबीन के बाद केंद्र में बना तहखाने का पता चला. तहखाने में उत्पाद की टीम उतरते ही दंग रह गई. वहां भारी मात्रा में विदेशी शराब रखी थी, जो करीब 551 लीटर थी.सबसे बड़े आश्चर्य की बात ये थी कि इस काले कारनामे छिपाने के लिए सरकारी भवन का इस्तेमाल कर रहे थे शराब तस्कर.
निरीक्षक अभिनव कुमार की माने तो बीती रात दल बल के साथ ये छापेमारी करने पहुंचे तो आंगनबाड़ी केंद्र से भारी संख्या में शराब बरामद हुई है. इसमें केंद्र संचालिका की संलिप्तता है वहीं उत्पाद अधीक्षक संजय राय ने बताया कि रात होने के कारण किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. आंगनबाड़ी संचालिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गई है इसमें कई लोगों के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है. अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए शराब माफिया सरकारी भवनों का इस्तेमाल कर रहे थे.