पटना: देश के हरियाणा, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों ने धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने वाले कानून पारित किए हैं. बिहार में धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-Conversion Law) की मांग को लेकर बीजेपी हमेशा अपनी ही सरकार पर हमलावर रहती है और समय-समय पर इस मांग को उठाती रहती है. अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) समेत बीजेपी के अन्य नेता राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग की. इसपर बिहार में बीजेपी के सहयोग से सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार CM Nitish Kumar) ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि सूबे में धर्मांतरण विरोधी कानून की जरुरत नहीं है.


सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार सरकार इसको लेकर हमेशा अलर्ट रहती है. सभी लोग शांति से रहते हैं. राज्य में पूरी तरह एकता है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में इस तरह का कोई कानून नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में किसी भी धर्म के बीच डिस्प्यूट नहीं है. लोग चाहे किसी भी धर्म के हों, सभी यहां शांति से रहते हैं. बिहार में हम लोगों ने सब काम बेहतर तरीके से किया है. यहां आपस में विवाद, टकराव नहीं है. सरकार के तरफ से ध्यान दिया जाता रहता है कि कोई गड़बड़ न हो. सरकार हर समय सतर्क रहती है. नीतीश कुमार ने बीजेपी को सीधा संदेश दिया है कि यह सब बिहार में नहीं होगा.


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अल्पसंख्यक शब्द को खत्म करने की मांग


गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत बीजेपी के अन्य नेता राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग समय-समय पर करते रहे हैं. साथ ही अल्पसंख्यक शब्द को खत्म कर देना की मांग भी बेगुसराय से सांसद गिरिराज सिंह समेत बीजेपी की कई नेता करते रहे हैं. उनका कहना है कि अब देश के मुसलमानों को खुद को बहुमत में समझना चाहिए, इसलिए उनके लिए इस्तेमाल होने वाले अल्पसंख्यक शब्द को अब खत्म कर देना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान बिहार में बीजेपी के लिए झटका माना जा रहा है.


जातिगत गणना पर भी वैचारिक मतभेद


इधर, जातिगत गणना पर भी नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच वैचारिक विभाजन सामने आया है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल एवं कुछ अन्य नेता रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के बिहार में घुस आने का आरोप लगाते रहे हैं. उनकी मांग है कि गणना के समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उन्हें राज्य में प्रस्तावित जाति आधारित गणना में शामिल करके उनके प्रवास को वैध न बनाया जाए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस संबंध में सीएम को अवगत भी कराया है.


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