बिहार: इमरान हत्याकांड में ढाई साल बाद आया फैसला, आरा कोर्ट ने 10 अभियुक्तों को सुनाई मौत की सजा
9 मार्च, 2021 को इमरान हत्याकांड में आरा सिविल कोर्ट ने खुर्शीद कुरैशी सहित दस आरोपितों को दोषी पाया था. आरोपितों में खुर्शीद कुरैशी का भाई अबदुल्ला भी शामिल है. दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया था.
आरा: बिहार के आरा जिले में चर्चित मो. इमरान हत्याकांड में सोमवार को ढाई साल बाद कोर्ट का फैसला आया. मामले में आरा सिविल कोर्ट ने कुख्यात खुर्शीद कुरैशी समेत 10 अभियुक्तों को मौत की सजा सुनाई है. एडीजे-9 मनोज कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ये सजा सुनाई है. साथ ही सभी अभियुक्तों पर विभिन्न धाराओं के तहत 2 लाख 60 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. मामले में ढाई साल के बाद न्याय मिलने से पीड़ित परिवार खुश है.
सजा पाने वाले में खुर्शीद कुरैशी, उसके भाई अब्दुल्ला कुरैशी, नाजीरगंज के राजू खान, रौजा मोहल्ला के अनवर कुरैशी, मिल्की मोहल्ला के अहमद मियां, खेताड़ी मोहल्ला के बब्ली मियां, तौशिफ आलम और फुरचन उर्फ फुचन मियां, रौजा के गुड्डू मियां और अबरपुल मुहल्ला शमशेर मियां शामिल हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई
बता दें कि केस की सुनवाई आरा सिविल कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस दौरान सभी अभियुक्तों की पेशी हुई. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता भुनेश्वर तिवारी, अमित कुमार गुप्ता, शिवजी सिंह, सरकारी पीपी नगेंद्र सिंह सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे.
मालूम हो कि 9 मार्च, 2021 को इमरान हत्याकांड में आरा सिविल कोर्ट ने खुर्शीद कुरैशी सहित दस आरोपितों को दोषी पाया था. आरोपितों में खुर्शीद कुरैशी का भाई अबदुल्ला भी शामिल है. दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया था. इस मामले में एपीपी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने ही अभियोजन की ओर से बहस की थी.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 6 दिसंबर, 2018 को दिनदहाड़े धर्मन चौक स्थित शोभा मार्केट पर अंधाधुंध फार्यंरिग की गई थी. इस घटना में दूध कटोरा निवासी बैग कारोबारी इमरान खान की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. जबकि इमरान के भाई अकील अहमद और एक बीएसएनएल कर्मी भी गोली लगने से जख्मी हो गए थे.
इस मामले में मृतक इमरान खान के जख्मी भाई अकील अहमद के बयान पर टाउन थाना में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई सहित अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि दस लाख रुपये के रंगदारी की मांग की गई थी. पैसे देने से इंकार करने पर घटना को अंजाम दिया गया है. इसी मामले में सुनवाई करते हुए दस आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है.
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