Bihar News: बक्सर उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, पुलिस क्यों कर रही तलाश? जानें
Bihar Liquor Mafia: वर्तमान उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक के खिलाफ ये मामला तब का है, जब वो बक्सर उत्पाद विभाग में निरीक्षक के पद पर तैनात थे, फिलहाल वो पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
Arrest warrant Against Excise Superintendent: एक तरफ जहां नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर अपने अधिकारियों की पीठ थपथपाते नहीं थकते, वहीं दूसरी तरफ उनके ही अधिकारियों के जरिए शराबबंदी अभियान में पलीता लगाने का कार्य किया जा रहा है. जिसका ताजा उदाहरण बक्सर में देखने को मिला. यहां उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक काफी दिनों से शराब माफियाओं के साथ साठगांठ कर धड़ल्ले से उत्तर प्रदेश की सीमा से बिहार में मोटी रकम उगाही कर शराब को ठिकाने लगा रहे थे.
मामले कैसे हुआ उजागर?
उनके इस राज़ से पर्दा उस वक्त उठा, जब 21 जून 2024 को औद्योगिक थाना की पुलिस ने वीर कुंवर सिंह सेतु से यूपी के रास्ते बिहार में प्रवेश कर रही तीन गाड़ियों को गुप्त सूचना के आधार पर धर दबोचा, जिसमें शराब माफियाओं के साथ साथ होमगार्ड के दो जवान भी पुलिस के हत्थे चढ़े. इनसे पूछताछ के दौरान एक ऐसे शराब माफिया का नाम सामने आया, जो 2022 में बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र के अंमसारी गांव में हुए जहरीली शराब कांड में मुख्य आरोपी रहा था.
गौरतलब है कि उस जहरीली शराब कांड में पांच लोगों की मौत हो चुकी थी. हालांकि जब पुलिस ने जब उस आरोपी मुन्ना सिंह से पूछताछ की तो उसने उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक की संलिप्तता बताते हुए कहा कि 2016 से ही दिलीप पाठक हम लोगों से मोटी रकम लेकर यूपी से बिहार में शराब की बड़ी-बड़ी खेप पहुंचाते थे.
बता दें कि वर्तमान उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक उन दिनों बक्सर उत्पाद विभाग में निरीक्षक के पद पर तैनात थे, जहां बक्सर जिले में तीसरी बार में उनकी पोस्टिंग उत्पाद अधीक्षक के तौर पर हुई है. इस मामले में पुलिस के बारीकि से अनुसंधान कर करने पर पता चला कि उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक की शराब माफियाओं के सांठगांठ है, जिसके पुलिस को पुख्ता सबूत भी मिले हैं और इस पुख्ता सबूत के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है.
एसपी ने पूरे मामले में क्या बताया?
वहीं इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि 21 जून को औद्योगिक थाना क्षेत्र अंतर्गत NH 922 पर शराब लदी तीन गाड़ियां पकड़ी गई थीं, जिसमें कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था. इनसे पूछताछ के दौरान कई अहम पुख्ता सबूत मिले. इस आधार पर उत्पाद अधीक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश निर्गत किया गया है. हालांकि अभी तक उत्पाद अधीक्षक पकड़ से बाहर हैं, पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. अब देखना दिलचस्प होगा की बक्सर उत्पाद अधीक्षक और बक्सर पुलिस के बीच ये खेल कब तक जारी रहेगा.
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