बिहार में कला विश्वविद्यालय की होगी स्थापना, कलाकारों को अपनी प्रतिभा को तराशने का मिलेगा मौका
मंगल पांडेय ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदेश में कलाकारों को एक बड़ा मंच देने के लिए राज्य स्तरीय सांस्कृतिक महाकुम्भ और जिला स्तरीय सांस्कृतिक महाकुम्भ का आयोजन होगा. इसके माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने का मौका मिलगा.
पटना: बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को प्रदेश में कला विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की. बिहार की राजधानी पटना के ज्ञान भवन में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित बिहार कला पुरस्कार/ सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए लोक कला, लोक भाषा और लोक संस्कृति का बड़ा ही महत्व होता है. इसलिए राज्य सरकार इस दिशा में हमेशा से प्रयासरत रही है.
विश्वविद्यालय का प्रारूप किया जा रहा तैयार
उन्होंने कहा कि विभाग ने आने वाले दिनों में बहुत सारे कार्य करने की योजना बनाकर रखा है. इसके तहत कला विश्वविद्यालय की स्थापना करना है, जिसका प्रारूप विभाग के अंदर बनाया जा रहा है. किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए उस विषय में पारंगत होना अतिअवश्यक है. कला विश्वविद्यालय जब मूर्त रूप धारण करेगा तो उसका लाभ मिलेगा.
सांस्कृतिक महाकुम्भ का होगा आयोजन
मंगल पांडेय ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदेश में कलाकारों को एक बड़ा मंच देने के लिए राज्य स्तरीय सांस्कृतिक महाकुम्भ और जिला स्तरीय सांस्कृतिक महाकुम्भ का आयोजन होगा. इसके माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने का मौका मिलगा. इसके अलावा सांस्कृतिक निदेशालय के अंर्तगत वेब पोर्टल बनेंगे, जिससे कलाकारों का डाटा बेस तैयार हो सकेगा. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 37 कलाकारों को सम्मिनित करते हए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. इस सम्मान से राज्य के हजारों कलाकारों को प्रेरणा भी मिलेगी.
बता दें कि जिन कलाकारों को बिहार कला पुरस्कार मिला है उनमें रामू कुमार, अमरनाथ शर्मा, नीतू सिन्हा, शैल कुमारी, हेमा देवी, विनय कुमार, उमेश प्रसाद सिन्हा, रविभूषण कुमार, शिवचरण प्रसाद, चंदन, साकिब इकबाल खान, मो. सरफूद्दीन, डॉ अर्चना चौधरी कुमार उदय सिंह समेत अन्य शामिल हैं.