बिहार विधानसभा (Bihar Assembly By Election2021)  की तारापुर (Tarapur) और कुशेश्वसरस्थान (Kusheshwarsthan) विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. यहां 30 अक्तूबर को मतदान होगा. साल 2020 में यहां से चुने गए मेवालाल चौधरी और शशिभूषण हजारी के निधन की वजह से यहां उपचुनाव कराना पड़ा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जेडीयू में कब्जा जमाया था.


तारापुर में कुशवाहा वोट


बीते विधानसभा चुनाव में तारापुर विधानसभा जेडीयू के मेवालाल चौधरी जीते थे. तारापुर कुशवाहा या कोईरी वोट बैंक का वर्चस्व वाला इलाका है. लेकिन कोईरी वोट केवल 58 हजार ही है. तारापुर में 65 हजार यादव, अति पिछड़ा 48 हजार, वैश्य 40 हजार, सवर्ण 40 हजार और 22 हजार मुसलमान वोटों को निर्णायक माना जाता है. मेवालाल चौधरी भी कुशवाहा जाति के ही थे. 


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तारापुर में कुशवाहा या कोईरी वोट निर्णायक भूमिका निभाता है. जेडीयू ने इसे देखते हुए राजीव कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वहीं राजद ने अरुण साह को उम्मीदवार बनाया है. वो वैश्य समुदाय से आते हैं. वहीं कांग्रेस ने सवर्ण जाति से राजेश मिश्र को टिकट दिया है. इसी तरह चिराग पासवान ने सवर्ण और दलित वोटों पर नजर गड़ाते हुए राजपूत जाति के चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.


तारापुर के समीकरण को ध्यान में रखते हुए जेडीयू ने एनडीए के सवर्ण और वैश्य के वोट की उम्मीद में राजीव कुमार सिंह को मैदान में उतारा है. नीतीश कुमार को दलित और महादलित समुदाय से उम्मीद है. राजद ने बीते चुनाव में यादव को टिकट दिया था. लेकिन इस बार वैश्य उम्मीदवार उतारा है. उसे यादव और वैश्य वोट की उम्मीद है. तारापुर में सर्वण उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस और चिराग पासवान ने जेडीयू के लिए खतरा पैदा किया है. 


कुशेश्वरस्थान के ब्राह्मण मतदाता


कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. इस सीट मुस्लिम, यादव और ब्राह्मण जाति के मतदाताओं की बड़ी भूमिका होती है. इस सीट पर राजपूत, चमार, कुर्मी मुसहर और दुसाध जाति की भी अच्छी आबादी है. शशिभूषण हजारी जेडीयू के टिकट पर पिछले तीन चुनाव से जीत रहे थे. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 7 हजार 222 वोटों से हराया था. उनके निधन से पैदा हुई सहानुभूति को भुनाने के लिए जेडीयू ने उनके बेटे अमन हजारी को मैदान में उतारा है. मतगणना में ही पता चलेगा कि वो इसे वोटों में कितना बदल पाते हैं. 


कुशेश्वरस्थान कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, जिसे बीजेपी और जेडीयू ने उससे छीन लिया था. इसी वजह से राजद से गठबंधन तोड़ कांग्रेस ने वहां से अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. उसे उम्मीद है कि सवर्ण वोटों के जरिए यह सीट जीत लेगी. इसलिए उसने पिछले चुनाव में हारे अशोक कुमार की जगह उनके बेटे को कांग्रेस ने टिकट दिया है. उन्हें जिताने के लिए कांग्रेस के सवर्ण नेता वहां कैंप किए हुए हैं. वहीं आरजेडी ने गणेश भारती पर दांव आजमाया है. भारती मुसहर जाति के हैं. जिसकी इस विधानसभा सीट में करीब 40 हजार वोट है. 


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