Bihar Assembly By-election 2021: बिहार में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में चुनाव प्रचार की सरगर्मी को देखकर ऐसा लगता है, मानों आम चुनाव हो. विधानसभा क्षेत्र के कोने-कोने में नेता खुद पहुंच रहे. विपक्ष के नेता तेजस्वी (Tejashwi Yadav) गांव-गांव में रोड शो कर रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी बटालियन हेलीकॉप्टर से पहुंच कर वोट मांग रहे. दो सीटों के लिए जबरदस्त मुकाबला देखा जा रहा है.
आरजेडी ने बढ़ाई मुश्किलें
कहने के लिए तो सिर्फ दो सीटों पर उपचुनाव है. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से चुनावी सभा के लिए पहुंचे हैं. आम चुनाव में इतने नेता एक हेलीकॉप्टर पर नहीं होते थे, जितने इस बार उपचुनाव में दिख रहे हैं. दरअसल, उपचुनाव में लालू ने वैश्य उम्मीदवार को खड़ा कर नई चुनौती खड़ी कर दी है. 2020 के चुनाव नतीजे ने नीतीश के कान खड़े कर दिए थे.
जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने एनडीए (NDA) में जेडीयू (JDU) को काफी नुकसान पहुंचाया था. उपेंद्र कुशवाहा तो इस बार जेडीयू में शामिल हो गए हैं पर चिराग पासवान राजपूत जाति से उम्मीदवार खड़ा कर जीत में रोड़े अटकाने को तैयार हैं. वहीं, महागठबंधन से अलग होकर कांग्रेस (Congress) ने भी ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार को सामने ला दिया है. यानी एनडीए के परंपरागत वोट को अगड़ी जाति और वैश्य में सेंधमारी कर मुश्किल खड़ी कर दी है.
वहीं, अब लालू (Lalu Yadav) भी दोनों सीटों पर प्रचार करने मैदान में कूद गए हैं. ऐसे में नीतीश अपने उम्मीदवार को जेडीयू का नहीं बल्कि एनडीए का उम्मीदवार बोलकर वोट मांग रहे हैं. नीतीश के साथ हेलीकॉप्टर में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal), रामविलास पासवान (Ramvilas PAswan) के भाई पशुपति पारस (Pashupati Paras) भी आए. चिराग का काट के लिए पशुपति पारस को ढाल बनाया गया है. वहीं, बीजेपी नेता के जरिए वैश्य समुदाय को आरजेडी के पाले जाने से रोकने के लिए मंच पर खड़ा कर दिया.
तारापुर विधानसभा सीट का इतिहास
बता दें कि तारापुर में दो परिवार का पिछले 35 वर्षों से दबदबा रहा है. एक शकुनि चौधरी (Shakuni Chaudhary) और दूसरा मेवालाल चौधरी (Mewalal Chaudhary). शकुनि चौधरी अब जेडीयू में आ गए हैं. जबकि उनके एक बेटे सम्राट चौधरी बीजेपी कोटा से नीतीश कैबिनेट में पंचायती राज मंत्री हैं. तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इस सीट का जिला तो मुंगेर है, लेकिन ये जमुई लोकसभा क्षेत्र में है आता है. जमुई के सांसद चिराग पासवान हैं. जेडीयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी के निधन के बाद से यह सीट खाली है.
- 1951 में विधानसभा बना तारापुर जमुई संसदीय क्षेत्र में पड़ता है.
- तारापुर विधानसभा सीट बिहार के मुंगेर जिले में आती है.
- जमुई संसदीय क्षेत्र में आने वाले तारापुर की जनसंख्या 4,56,549 है.
- कुल वोटर 3.10 लाख (पुरुष वोटर 1.68 लाख, महिला वोटर 1.42 लाख)
- तारापुर विधानसभा सीट पर पहली बार 1951 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की.
- तारापुर में हुए शुरुआती तीन चुनावों में कांग्रेस का कब्जा रहा.
- 1967 व 1969 के चुनाव में कांग्रेस को हार गई.
- 1972 में कांग्रेस ने फिर वापसी की, लेकिन अगले ही चुनाव उसे हार का सामना करना पड़ा.
- कांग्रेस को इसके बाद जीत 1990 में मिली.
- राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को यहां पर पहली जीत 2000 के चुनाव में मिली. शकुनी चौधरी जो पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके थे, उन्होंने इस बार आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. शकुनी चौधरी की जीत का सिलसिला आगे भी जारी रहा.
- 1985, 1990, 1995, 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर शकुनी चौधरी ने अपना वर्चस्व बरकरार रखा था. हालांकि, हर बार शकुनी चौधरी ने अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ा था. बावजूद उन्होंने जनता का भरोसा हासिल किया. 25 साल तक शकुनी चौधरी तारापुर सीट का प्रतिनिधित्व विधानसभा में कर रहे थे.
- 2010 में नीता चौधरी ने जनता दल यूनाइटेड से तारापुर में जीत हासिल की.
- 2015 में जेडीयू से डॉक्टर मेवालाल चौधरी ने तारापुर में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. मेवालाल चौधरी नीता चौधरी के के पति हैं. वे बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के पूर्व कुलपति थे.
- 2020 में भी मेवालाल चौधरी ने जीत हासिल की थी. लगभग पांच महीने बाद उनका निधन हो गया.
- 2005 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी से शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की थी. शकुनी चौधरी ने 32,828 वोट हासिल किए थे. जेडीयू से राजीव कुमार सिंह को 32,217 वोट मिले थे. राजीव कुमार सिंह को उन्होंने महज 611 वोटों से हराया.
- 2010 में नीता चौधरी ने जीत हासिल की थी. जेडीयू से नीता चौधरी ने 44,582 वोट हासिल किए थे. आरजेडी से शकुनी चौधरी को 30,704 वोट मिले थे.
- 2015 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर जेडीयू से मेवालाल चौधरी ने जीत हासिल की थी. मेवालाल चौधरी ने 66, 411 वोट लाए थे. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रत्याशी शकुनी चौधरी को 54,464 वोट मिले थे.
- 2020 में जदयू से मेवालाल चौधरी को 64,468 वोट मिले. आरजेडी की दिव्या प्रकाश ( पिता-जयप्रकाश नारायण यादव) के खाते में 57,243 वोट पड़े.
इस सीट के प्रमुख मुद्दे
- तारापुर विधानसभा क्षेत्र के खड़गपुर में महिला कालेज है, लेकिन यहां पीजी की पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हुई है.
- बाघरा जलाशय योजना का काम 20 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ है. योजना शुरू होने से लगभग 15000 हेक्टेयर खेती में खेती करने वाले 10 पंचायत के लोगों को सहूलियत होगी.
- व्यवहार न्यायालय और उप कारा खोले जाने की मांग कब से हो रही है.
- खड़गपुर झील का सुंदरीकरण और इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग.
- बेरोजगारी की समस्या.
किस पार्टी से किसे मिला टिकट?
- एनडीए ने तारापुर से जेडीयू प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह और कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी मैदान में उतारा है.
- आरजेडी ने तारापुर से अरुण कुमार साह और कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को मैदान में उतारा है.
- कांग्रेस ने तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा और कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार को मैदान में उतारा है.
बता दें कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव धुआंधार प्रचार कर रहे हैं. नाइट स्टे भी एक दिन नहीं चार-चार दिन कर रहे हैं. हेलीकॉप्टर से लेकर रोड शो तक निकाल रहे हैं. यानी कोई कसर नहीं छोड़ रहे. जीत पक्की करने के लिए इस बार यादव उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया बल्कि एक वैश्य जाति के नेता को उम्मीदवार बनाया गया है. मुकाबला कांटे का कर दिया. कांग्रेस को अलग जाने दिया तो एनडीए में खलबली मच गई. चिराग पासवान के राजपूत खड़ा करने से एनडीए का समीकरण बिगड़ने पर आरजेडी को जीत की आस जगी है. तेजस्वी सुबह से रात तक प्रचार कर रहे हैं.
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